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01-Aug-2025
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- वायरल हुई कॉल रिकॉर्डिंग — ये आपके मालिक को पहला झटका है - 10 हजार लोगों ने छोड़ा जिओ कोल्हापुर (ईएमएस)। कोल्हापुर जिले के नंदिनी गांव में भारी जनाक्रोश देखने को मिला है, जहां 36 वर्षीय मादा हाथी माधुरी को गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा ट्रस्ट में स्थानांतरित किए जाने के बाद स्थानीय लोगों में रोष फैल गया है। यह स्थानांतरण सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुआ, जिसमें स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य मठ की याचिका को खारिज कर दिया गया। मठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें हाई पावर कमेटी के हाथी के स्थानांतरण के निर्णय को वैध ठहराया गया था। हाथी माधुरी को विदा करते समय गांव की सड़कों पर 10,000 से अधिक लोग नम आंखों से विदा देने पहुंचे। हालांकि भावनात्मक माहौल कुछ ही देर में उग्रता में बदल गया, जब कुछ लोगों ने वाहनों पर पथराव किया और जानवरों की एम्बुलेंस तक को नहीं बख्शा। बॉम्बे हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस निला गोखले ने कहा कि पशु के जीवन की गुणवत्ता, धार्मिक उपयोग से अधिक महत्वपूर्ण है। पेटा इंडिया की शिकायत के बाद हाई पावर कमेटी की जांच में यह पाया गया कि हाथी की स्वास्थ्य स्थिति बेहद खराब, उसके शरीर पर अल्सर थे और देखरेख में भारी लापरवाही बरती जा रही थी। दूसरी ओर मठ का दावा है कि हाथी 1992 से उनके पास थी और धार्मिक आयोजनों का अहम हिस्सा रही है। लेकिन अदालत ने साफ कहा कि “परंपरा के नाम पर पशु की पीड़ा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।” हाथी माधुरी का मामला पशु अधिकार, धार्मिक आस्था और कॉर्पोरेट के बीच एक नया मोर्चा खोल चुका है। कोर्ट के आदेशों और पशु कल्याण की दिशा में उठाए गए इस कदम का गांव वालों की भावनाओं पर गहरा असर पड़ा है। अब देखना यह है कि यह बॉयकॉट जियो जैसा अनोखा विरोध किस दिशा में जाता है। -बायकॉट जिओ (#Boycott Jio) इस घटनाक्रम के बाद नंदिनी गांव में ‘बॉयकॉट जियो’ नामक अभियान शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, 10,000 से अधिक लोगों ने जियो से अपने सिम पोर्ट करवा लिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वंतारा प्रोजेक्ट रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ा है, जो मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की पहल है। - वायरल हुई रिकॉर्डिंग एक वायरल कॉल रिकॉर्डिंग में एक ग्रामीण जियो कस्टमर केयर से कहता सुनाई देता है – हमारे गांव की हाथी आपकी कंपनी के मालिक लेकर चले गए हैं। अब गांव के लोग जियो का बहिष्कार कर रहे हैं। यह आपके मालिक को पहला झटका है।