नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में बढ़ते साइबर फ्रॉड के मामलों को लेकर ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और देहरादून में 11 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सीबीआई और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई है। ईडी की जांच में पता चला कि आरोपियों ने 260 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि बिटकॉइन के रूप में कई क्रिप्टो-वॉलेट्स में जमा की। इस राशि को बाद में यूएई में कई हवाला ऑपरेटरों और व्यक्तियों के जरिए यूएसडीटी में बदलकर नकदी में परिवर्तित किया गया। यह खुलासा साइबर अपराध के इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की गहरी जड़ों को दर्शाता है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर देहरादून तक, ईडी की टीमें पूरी तत्परता के साथ संदिग्ध ठिकानों की तलाशी ले रही हैं। इस ऑपरेशन का मकसद न केवल सबूत जुटाना है, बल्कि इस साइबर ठगी के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना भी है। जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने विदेशी और भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया। ये धोखेबाज खुद को पुलिस या जांच अधिकारी बताकर लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देकर उनकी संपत्ति हड़प लेते थे। इतना ही नहीं, कुछ ठगों ने माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के टेक सपोर्ट एजेंट बनकर भी लोगों को ठगा। पीड़ितों से लूटी गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया और फिर उसे आरोपी व्यक्तियों तक पहुंचाया गया। वीरेंद्र/ईएमएस/06अगस्त2025 -----------------------------------