क्षेत्रीय
07-Aug-2025


बालाघाट (ईएमएस). आंखे मनुष्य के अंगों में से एक अनमोल अंग है तथा प्रकृति का अनमोल रत्न भी है। आंखों की बाहरी साफ-सफाई और सुन्दरता को बनाये रखने के साथ-साथ आंखों की अच्छी रोशनी बनाये रखने के प्रयास करना भी हम सब की जिम्मेदारी है। अंधेपन का सबसे प्रमुख कारण मोतियाबिन्द है जिसका समय रहते उपचार (ऑपरेशन) करा लेने से सौ प्रतिशत नजर वापस आ जाती है। अंधेपन का दूसरा बड़ा कारण दृष्टिदोष अर्थात अपर्वतक दोष जो किसी भी उम्र में हो सकता है जिसमें बाहर की किसी भी वस्तु की इमेज रेटिना पर, या तो आगे फोकस होती है या रेटिना के पीछे फोकस होती है, मरीज इस अवस्था मे कम दिखाई देने की शिकायत करता है। यह स्थिति अगर बच्चों में होती है तब बच्चे का मानसिक विकास अवरूध हो जाता है। इसी उद्देश्य को लेकर शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग संयुक्त कार्यकम चलाता है जिसमें अध्यापक द्वारा विद्यालय स्तर पर बच्चों को चिन्हित किया जाता है। चिन्हाकंन (स्क्रीनिंग) ई-टाइप चार्ट से किया जाता है। इस दौरान छात्र एवं शिक्षक में बीस फिट का अन्तर रखा जाता है, उपयुक्त प्रकाश, एक आंख के परीक्षण के दौरान दूसरी आंख बंद रखी जाती है। इस तरह चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र में चश्मे की जांच कर जिला स्वास्थ्य समिति अंधत्व द्वारा निशुल्क चश्मे उपलब्ध कराये जाते है। भानेश साकुरे / 7 अगस्त 2025