राष्ट्रीय
07-Aug-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के गरीब श्रमिकों की संख्या 3 अगस्त 2025 तक 30.98 करोड़ को पार कर गई है। यह जानकारी गुरुवार को संसद में श्रम और रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने दी। ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत 26 अगस्त 2021 को की गई थी, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना है, जो आधार से जुड़ा होता है। इस पोर्टल के माध्यम से श्रमिक स्वयं-घोषणा के आधार पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्राप्त कर सकते हैं। यह पोर्टल असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का एक माध्यम है। हालांकि, किसी भी योजना का लाभ पाने के लिए ई-श्रम पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। योग्य लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ ई-श्रम पर पंजीकृत हुए बिना भी उठा सकते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में यह घोषणा की गई थी कि ई-श्रम पोर्टल को असंगठित श्रमिकों के लिए “वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” बनाया जाएगा, ताकि वे सभी योजनाओं का लाभ एक ही प्लेटफॉर्म से प्राप्त कर सकें। इसी दिशा में 21 अक्टूबर 2024 को “ई-श्रम-वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” की शुरुआत की गई। अब तक ई-श्रम पोर्टल को केंद्र सरकार की 14 प्रमुख योजनाओं से जोड़ा जा चुका है। इनमें प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शामिल हैं। इसके अलावा, पोर्टल को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन, नेशनल करियर सर्विस, स्किल इंडिया डिजिटल हब, उमंग ऐप, डिजिटल लॉकर, माईस्कीम और ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा गया है। सरकार ने ई-श्रम पोर्टल की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता की जांच के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के माध्यम से एक तृतीय-पक्ष मूल्यांकन भी शुरू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह पोर्टल असंगठित श्रमिकों को वास्तव में लाभ पहुंचा रहा है या नहीं। सुबोध\०७\०८\२०२५