ज़रा हटके
10-Aug-2025
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लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी उन्नत स्कैनिंग तकनीक विकसित की है, जिससे कैंसर के बेहद शुरुआती अंशों का भी पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक में बिना किसी सुई, इंजेक्शन या रेडिएशन के कैंसर का पता लगाने का दावा किया जा रहा है। यह नई तकनीक खास तौर पर मायलोमा, यानी ब्लड कैंसर के मामलों में कारगर साबित हुई है। रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और लंदन के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित इस तकनीक में मरीज के पूरे शरीर का एडवांस एमआरआई स्कैन किया जाता है। यह स्कैन इतनी बारीकी से होता है कि मिनिमल रिजिडुअल डिज़ीज़ (एमआरडी) जैसे सूक्ष्म कैंसर अंश भी पकड़ में आ जाते हैं, जिन्हें पारंपरिक जांचें अक्सर नहीं ढूंढ पातीं। रिसर्च में कुल 70 मायलोमा मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें स्टेम सेल ट्रांसप्लांट दिया गया था। ट्रांसप्लांट से पहले और बाद में उनका यह नया एमआरआई स्कैन कराया गया, जिससे पता चला कि हर तीन में से एक मरीज में इलाज के बावजूद कैंसर के कुछ अंश मौजूद थे जबकि उनकी ब्लड रिपोर्ट और बायोप्सी सामान्य थीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन मरीजों में यह छिपा हुआ कैंसर पाया गया, उनकी ओवरऑल सर्वाइवल रेट बाकी की तुलना में कम रही, जिससे इस स्कैनिंग तकनीक की उपयोगिता और भी स्पष्ट हो गई। यह तकनीक न केवल दर्द रहित है, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी है क्योंकि इसमें किसी तरह की रेडिएशन एक्सपोज़र नहीं होती। खासकर उन मरीजों के लिए, जिन्हें बार-बार निगरानी के लिए स्कैन करवाना पड़ता है, यह तरीका बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। 57 वर्षीय एक मायलोमा मरीज ने बताया कि इस तकनीक की वजह से उनका कैंसर समय पर पकड़ा गया और इलाज जल्दी शुरू हुआ, जिससे वे पूरी तरह स्वस्थ होकर दोबारा फाइटर जेट उड़ाने की ड्यूटी पर लौट सके। सुदामा/ईएमएस 10 अगस्त 2025