नई दिल्ली(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से 25 साल पहले दायर किए गए मानहानि मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि हम इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है। हाईकोर्ट ने पाटकर को अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा किया था, लेकिन उन्हें हर तीन साल में एक बार निचली अदालत में पेश होने की आवश्यकता थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की दलील को ध्यान में रखते हुए लगाया गया जुर्माना रद्द कर दिया गया है। विनोद उपाध्याय / 11 अगस्त, 2025