....जिस पर बैंन करने पाकिस्तान ने अमेरिका के जोड़ हाथ पैर पाकिस्तानी आर्मी प्रमुख मुल्ला मुनीर ट्रंप के सामने दड़वत कराची (ईएमएस)। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जो पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। यह समूह पाकिस्तान सरकार, सुरक्षा बलों और चीनी हितों को निशाना बनाता है, जिन्हें वे बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करने वाला मानते हैं। बीएलए की पृष्ठभूमि और विकास बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा, लेकिन सबसे कम आबादी वाला और सबसे गरीब प्रांत है। यहां के लोग लंबे समय से पाकिस्तान सरकार पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह प्रांत के विशाल प्राकृतिक संसाधनों (जैसे गैस और खनिज) का फायदा उठा रही है, लेकिन बलूच लोगों को विकास और आर्थिक लाभ से वंचित रखा जा रहा है। इसी असंतोष ने कई अलगाववादी आंदोलनों को जन्म दिया है। 2006 में, बलूचिस्तान के एक प्रमुख आदिवासी नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या ने आंदोलन को एक नया मोड़ दिया। इस हत्या का आरोप पाकिस्तान की सेना पर लगा था। बुगती की मौत के बाद, कई बलूच युवाओं को यह यकीन हो गया कि पाकिस्तान सरकार बातचीत के बजाय हिंसा का रास्ता अपना रही है, जिससे सशस्त्र संघर्ष और तेज हो गया। शुरुआत में यह एक कबीलाई नेतृत्व वाला समूह था, लेकिन बाद में असलम बलूच जैसे कमांडरों के आने से यह एक अधिक संगठित और शहरी विद्रोह में बदल गया। असलम बलूच ने शिक्षित बलूच युवाओं और यहां तक कि महिलाओं को भी अपने समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इसका एक उदाहरण मजीद ब्रिगेड है, जो आत्मघाती हमलों के लिए जानी जाती है और इसमें महिलाएं भी शामिल हैं, जैसे शरी बलूच। बीएलए अब सिर्फ गुरिल्ला लड़ाकों का समूह नहीं रहा, बल्कि यह एक संगठित और प्रशिक्षित बल बन गया है जो बड़े हमलों को अंजाम देने में सक्षम है। यह समूह पाकिस्तानी सेना के ठिकानों, सरकारी बुनियादी ढांचे और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से जुड़ी परियोजनाओं को निशाना बनाता है, जिससे पाकिस्तान और चीन दोनों को आर्थिक और रणनीतिक नुकसान होता है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, बीएलए को अफगानिस्तान और ईरान जैसे पड़ोसी देशों में पनाह मिलती है, जिससे वे बलूचिस्तान के अंदर हमलों को अंजाम दे पाते हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि इस समूह ने अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियारों को हासिल किया है, जिससे उनकी सैन्य क्षमता बढ़ी है। अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित करना हाल ही में, अमेरिका ने बीएलए को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है। इस कदम से बीएलए के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन कमजोर होगा और पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान में अपने अभियानों को सही ठहराने में मदद मिलेगी। हालांकि, इससे बलूच लोगों का असंतोष कम होने की संभावना कम है। बताया जाता हैं कि बीएलए पर प्रतिबंध करने के लिए मुल्ला मुनीर ने ट्रंप के सामने दडवंत हो गए थे। कई बार हाथ-पैर जोड़ने के बाद अमेरिका ने बीएलए को आंतकवादी संगठन घोषित किया। आशीष दुबे / 12 अगस्त 2025