-साउथ कोरिया, जापान, रूस, इटली में हालात खराब, जन्मदर काफी नीचे नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी बन गया है। अब जनसंख्या में बढ़ोतरी पर अचानक ब्रेक लग गया है। इसका असर अगले कुछ दशकों में दिख सकता है। वर्ल्ड बैंक के 2023 के डेटा के मुताबिक भारत में आबादी की ग्रोथ अब हम दो हमारे दो की नीति से भी पीछे चला गया है। विश्व बैंक के मुताबिक भारत में जन्मदर अब 1.98 है, जबकि रिप्लेसमेंट लेवल के लिए माना जाता है कि यह 2.1 होनी चाहिए। भारत में ऐसे परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिनके एक ही संतान है या फिर वह संतान पैदा नहीं करना चाहते। इसका असर अब दिखने लगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साउथ कोरिया, जापान, रूस, इटली जैसे देशों में हालात बदल गए हैं। यहां रिप्लेसमेंट लेवल से काफी नीचे जन्मदर चल गई है। हैरान करने वाला आंकड़ा साउथ कोरिया का है, यहां जन्मदर अब महज 0.72 है। इसका अर्थ है कि एक कपल अब औसतन एक बच्चा भी पैदा नहीं कर रहा है। इसके अलावा चीन में भी आंकड़ा 1 का है और जापान में यह 1.2 है। सिंगापुर में 0.97 है और अमेरिका में 1.62 और फ्रांस में 1.66 है। इस तरह दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों की जन्मदर रिप्लेसमेंट लेवल से नीचे चली गई है। पूरी दुनिया में यह औसत 2.2 था, जो रिप्लेसमेंट लेवल से महज थोड़ा ही प्लस है। फिलहाल अफ्रीकी देशों और पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में ही जन्मदर रिप्लेसमेंट लेवल से काफी ज्यादा है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में घटती जन्मदर के चलते बाजार कमजोर पड़ने, श्रम शक्ति के कम होने और वृद्ध आबादी के ज्यादा बोझ की चिंता बढ़ रही है। यही कारण है कि जापान, रूस और चीन जैसे देश बच्चे पैदा करने पर सरकारी लाभों का भी ऐलान कर रहे हैं। इसके बाद भी लोग परिवार बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। साउथ कोरिया में तो अलग से एक मंत्रालय बनाया गया है, जो फैमिली प्लानिंग के मसलों पर काम करता है। सिराज/ईएमएस 13 अगस्त 2025