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15-Aug-2025
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- राहत और बचाव अभियान जारी श्रीनगर (ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में गुरुवार दोपहर मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भारी तबाही मची थी। बचाव कार्य अभी भी जारी हैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि इस हादसे में कम से कम 60 लोगों की जान चली गई है, जिनमें ज्यादातर श्रद्धालु शामिल हैं। हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस ने जानकारी दी कि मृतकों में अधिकतर मचैल माता मंदिर की वार्षिक यात्रा में शामिल श्रद्धालु थे, जो उस समय चसोटी में मौजूद थे। यह स्थान समुद्र तल से 9,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से 8.5 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग मंदिर तक जाता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “स्वतंत्रता दिवस मन गया, यह खुशी की बात है, मगर हमें गम भी है क्योंकि मुझे लगता है कि किश्तवाड़ में मलबे के नीचे 500 से ज्यादा लोग दबे हुए हैं। यह गम का मौका भी है।” उनके इस बयान ने हादसे की गंभीरता को और स्पष्ट कर दिया। घटना गुरुवार को करीब दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुई, जब सैकड़ों लोग यात्रा के लिए एकत्र हुए थे। अचानक हुए बादल फटने से भारी मात्रा में पानी और मलबा बहकर आया, जिसने वहां अफरातफरी मचा दी। अब तक 160 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन भारी बारिश और मलबे के कारण स्थिति बेहद कठिन बनी हुई है। इस हादसे में सीआईएसएफ के एक जवान का शव बरामद किया गया है, जबकि तीन अन्य जवान अब भी लापता हैं। स्थानीय पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से राहत और बचाव अभियान चला रही हैं। मलबे और पानी के तेज बहाव के बीच फंसे लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। यह हादसा पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक आपदाओं के लगातार बढ़ते खतरे का ताजा उदाहरण है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त से बात कर राहत और चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पूरी स्थिति की जानकारी दी और कहा कि राज्य व केंद्र से सभी आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस समय देश के कई पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का कहर जारी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदप्रयाग में भूस्खलन से सड़क बंद हो गई, जबकि उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने से कई घर बह गए थे। हिमाचल प्रदेश में 396 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ पंचायतें शिमला से कट गई हैं। मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे की गंभीरता को सामने लाता है, जहां मौसम की अनिश्चितता और लगातार हो रही बारिश लोगों के जीवन और सुरक्षा पर भारी असर डाल रही है। डेविड/ईएमएस 15 अगस्त 2025