राज्य
13-Aug-2025
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रायपुर(ईएमएस)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मजदूरों के भुगतान में साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी सामने आई है। हालिया ऑडिट में यह अनियमितता पकड़ में आने के बाद विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों को जवाब तलब किया गया है, जिससे प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक, कृषि फॉर्म और अन्य कार्यों के लिए बड़ी संख्या में मजदूर नियुक्त किए जाते हैं। नियम के अनुसार इन मजदूरों को मजदूरी का भुगतान होना चाहिए, लेकिन कई मजदूर अधिकारियों के सरकारी निवासों और निजी कार्यों में लगाए गए। सौंदर्याकरण के नाम पर भी 50 से अधिक मजदूर विश्वविद्यालय में तैनात हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इन मजदूरों को हर साल लाखों रुपये का भुगतान करता है। ऑडिट में पाया गया कि मजदूरों के भुगतान से जुड़े दस्तावेज और जरूरी जानकारियां समय पर उपलब्ध नहीं कराई गईं। आपत्ति दर्ज होने के बाद विवि प्रशासन से साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। कई विभाग फिलहाल जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। मजदूरों के अलावा सुरक्षा मद में भी गड़बड़ी की शिकायतें पहले सामने आ चुकी हैं। इस बीच, कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने मीडिया को बताया कि ऑडिट एक सामान्य प्रक्रिया है और मजदूरों को नियमानुसार भुगतान किया जाता है। ऑडिट आपत्ति पर लिखित जवाब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दे दिया गया है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)13 अगस्त 2025