मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई में कबूतरखानों को बंद किया जाए या नहीं, इस मुद्दे पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में हाईकोर्ट ने कबूतरखानों पर प्रतिबंध को बरकरार रखने का बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट में मुंबई महानगरपालिका ने स्पष्ट किया कि वह इस बात पर विचार कर सकता है कि क्या सुबह 6 से 8 बजे के बीच कुछ शर्तों के साथ कबूतरों को दाना दिया जा सकता है। अदालत ने मनपा से कबूतरों के स्वास्थ्य पर विचार करने को कहा। याचिकाकर्ताओं ने कबूतरों को दाना डालने के लिए रेसकोर्स की जगह मांगी थी। रेसकोर्स का मालिक कौन है? हाईकोर्ट ने कहा कि वे कल आज़ाद मैदान और शिवाजी पार्क की भी मांग करेंगे। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि समिति में राज्य और केंद्र के पशुपालन विभाग के एक सदस्य को शामिल किया जाए। इससे पहले, पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में अदालत ने स्पष्ट किया था कि नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना किसी भी महानगरपालिका का कर्तव्य है। इस मामले में विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त की गई है। उस समिति से परामर्श के बाद, महानगरपालिका और राज्य सरकार उचित निर्णय ले सकते हैं। साथ ही कबूतरखानों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है। कबूतरखानों को बंद करने का आदेश विशेषज्ञों और डॉक्टरों द्वारा दी गई सलाह के आधार पर लिया गया था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जन स्वास्थ्य के मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ किसी भी तरह की असहमति का कोई कारण नहीं है। * मुंबई पुलिस ने की कार्रवाई मराठी एकीकरण समिति ने दादर स्थित कबूतरखाने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गई थी। हालाँकि, जैसे ही पुलिस को इस विरोध प्रदर्शन की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। * जैन मुनियों ने की मुख्यमंत्री से अपील इस बीच, जैन समुदाय के राष्ट्रीय मुनि नीलेश चंद्र ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की है। जैन समुदाय द्वारा उनके खिलाफ जाने की संभावना व्यक्त करते हुए, नीलेश चंद्र ने मुख्यमंत्री से इस मामले में मध्यस्थता करने की अपील की है। बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद जैन समुदाय ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। जैन समुदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी ने पहले ही इसकी घोषणा कर दी थी। अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी ने पहले बताया था कि अदालत के फैसले की समीक्षा के लिए 13 अगस्त को मुंबई में जैन समुदाय की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई है, जिसके बाद सामूहिक रूप से अगली स्थिति तय की जानी चाहिए। संतोष झा- १३ अगस्त/२०२५/ईएमएस