वाशिंगटन,(ईएमएस)। भारत पर टैरिफ, पाकिस्तान पर मेहरबानी और रूस से बैक चैनल बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ये चाल देखकर हर कोई हैरान है। सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के डिप्लोमैट को समझ नहीं आ रहा कि ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं? मगर पूर्व अमेरिकी डिप्लोमैट जॉन बोल्टन ने उनके इरादे का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर पर प्यार, भारत पर डबल टैरिफ और रूस से गुपचुप बातचीत किसी प्लान का हिस्सा नहीं, बल्कि ट्रंप की नोबेल पीस प्राइज पाने के सपने का सबूत है। पूर्व अमेरिकी डिप्लोमैट सीन ने कहा कि भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदा, तब ट्रंप ने टैरिफ की गाज गिरा दी। मजेदार बात ये है कि चीन ने भी रूस से तेल खरीदा, लेकिन ट्रंप के बयानों में बीजिंग का कोई ज्रिक नहीं है। अगर अमेरिका खुद रूस से एनर्जी डील करे, तब राष्ट्र के हित में लिया गया फैसला बताया जाता है। उधर पाकिस्तान को रेड कार्पेट वेलकम देकर ट्रंप मानो ये मैसेज दे रहे हों कि देखो, मैं सभी को साथ ला सकता हूं। सवाल है कि क्या ये विदेश नीति है, या बस ओस्लो से आने वाली एक कॉल का इंतजार? बोल्टन का दावा है कि ट्रंप की पाकिस्तान से अचानक दोस्ती महज इसलिए है क्योंकि वे खुद को एक इसतरह के लीडर के रूप में पेश करना चाहते हैं जो भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता करा सके और इसके लिए नोबेल के लिए नाम भेज सके। अमेरिका-रूस के टॉप डिप्लोमैट्स के बीच एक सीक्रेट बैकचैनल खुलने की चर्चा है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये इनिशिएटिव व्हाइट हाउस की ओर से आया और पर्सनली ट्रंप के इशारे पर हुआ। इसका मकसद सभी के सामने यूक्रेन को हथियार देना और रूस को आक्रामक बताना, लेकिन बैकग्राउंड में पीस टॉक की इमेज बनाना, ताकि ये कहा जा सके कि देखो, मैंने जंग खत्म करवा दी। आशीष दुबे / 13 अगस्त 2025