राज्य
18-Aug-2025


- फतेहपुर मकबरा विवाद में बड़ा खुलासा, 80 पन्नों की रिपोर्ट सरकार को पेश फतेहपुर,(ईएमएस)। यूपी के फतेहपुर जिले में मकबरे को लेकर हुए बवाल में सरकार को 80 पन्ने की रिपोर्ट पेश गई है। यह रिपोर्ट प्रयागराज कमिश्नर विजय विश्वास पंत और आईजी अजय मिश्रा ने तैयार की है। प्रयागराज कमिश्नर और आईजी ने 6 दिन तक फतेहपुर में रहकर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि फतेहपुर के डाक बंगला से भीड़ कैसे मकबरा तक पहुंची? साथ ही मकबरे और आसपास के विवादित जमीन के मामले को भी रिपोर्ट में उजागर किया गया है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि जब हिंदू संगठनों ने मकबरे पर एकत्रित होने को लेकर लोगों से अपील की थी तो क्या जिला प्रशासन ने उन संगठनों से बातचीत की थी या नहीं। बता दें फतेहपुर में हुए बवाल के बाद शासन के तरफ से आईजी और एसपी को लापरवाही मामले में जवाब मांगा गया था। इसी पर रिपोर्ट तैयार कर भेजी गई है। बता दें सूत्रों के मुताबिक मकबरे की जमीन गाटा संख्या 753 का जिक्र इस रिपोर्ट में किया गया है। गाटा संख्या 753 में मकबरा राष्ट्रीय संपत्ति के तौर पर दर्ज है। इस रिपोर्ट में मकबरे का मालिक आना हक से लेकर यूपी सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड में दर्ज होने का पूरा विवरण प्रयागराज कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है। यही नहीं गाटा संख्या 753 के साथ-साथ गाटा संख्या 1159 का भी उल्लेख इस रिपोर्ट में किया गया है। गाटा संख्या 1159 के 6 नंबर पर ठाकुर जी विराजमान मंदिर भी दर्ज है। इसके अलावा यहां की विवादित जमीन का भी जिक्र है। मालिकाना हक को लेकर सिविल जज और ऊपरी अदालत के किसी भी केस में सरकार पार्टी नहीं है, इसका भी जिक्र रिपोर्ट में है। इस रिपोर्ट में तत्कालिक सरकार और प्रशासन की कमियों को उजागर किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के द्वारा कोर्ट के किसी भी फैसले के खिलाफ कभी भी अपील नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फतेहपुर डाक बंगले से लेकर मकबरे तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की। भीड़ बैरिकेडिंग तोड़ते हुए मकबरे तक पहुंच गई। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि फतेहपुर पुलिस प्रशासन द्वारा जिन संगठनों ने मकबरे में साफ सफाई का आह्वान किया था उनसे बातचीत भी नहीं की गई थी। आमतौर पर पुलिस और प्रशासन संगठनों से बातचीत करके मामले को सुलझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन फतेहपुर में पुलिस और प्रशासन ने किसी भी संगठन के लोगों से इस बाबत बातचीत नहीं की। सिराज/ईएमएस 18अगस्त25