राष्ट्रीय
18-Aug-2025
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इंदौर/उज्जैन (ईएमएस)। उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल श्रावण-भाद्रपद माह की अपनी अंतिम शाही सवारी पर सोमवार को नगर भ्रमण पर निकले, जहाँ भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने न केवल बाबा महाकाल के दर्शन किए, बल्कि पालकी मार्ग पर डमरू और झांझ बजाकर भगवान का स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया। इसके बाद, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में निर्धारित समय पर भगवान की रजत पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया गया। सवारी के मंदिर से निकलते ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर पालकी पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस दौरान सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बाबा महाकाल को सलामी दी। :: भगवान ने छह रूपों में दिए दर्शन, मुख्यमंत्री ने बजाया डमरू :: राजाधिराज बाबा महाकाल ने अपनी इस शाही सवारी में भक्तों को छह अद्भुत स्वरूपों में दर्शन दिए। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के साथ सप्तधान मुखारविंद के रूप में दर्शन देकर भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। सवारी मार्ग में मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वयं डमरू और झांझ बजाते हुए चले, जिससे श्रद्धालुओं में और अधिक उत्साह भर गया। सवारी परंपरागत मार्गों से होते हुए रामघाट पहुंची, जहाँ पुजारियों ने क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक कर उनकी पूजा-अर्चना की। :: 70 भजन मंडलियों और कलाकारों ने दीं प्रस्तुतियां :: यह सवारी केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि प्रदेश की संस्कृति का भी भव्य प्रदर्शन थी। इस वर्ष की शाही सवारी में उज्जैन के अलावा प्रदेश के विभिन्न शहरों से 70 से अधिक भजन मंडलियां शामिल हुईं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप, इस बार जनजातीय लोक कलाकारों ने भी आकर्षक प्रस्तुतियां दीं, जिसमें ढुलिया, श्रृंगारी, डंडा और बैगा करमा जैसे पारंपरिक नृत्य शामिल थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले हैं और सबका कल्याण करेंगे। सवारी संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री ने हरिफाटक ब्रिज के नीचे आयोजित भंडारे में शामिल होकर श्रद्धालुओं को भोजन भी वितरित किया। प्रकाश/18 अगस्त 2025