इंदौर,(ईएमएस)। इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कथित तौर पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज हुआ था। इस मामले को लेकर उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया, और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुनवाई के दौरान कार्टूनिस्ट मालवीय ने कोर्ट में अपनी गलती मानकर सोशल मीडिया पर माफीनामा प्रकाशित करने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर उन्हें 10 दिनों के भीतर फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया। साथ ही, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे भविष्य में इसतरह के कार्टून नहीं बनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इसके कानूनी सीमाओं के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाता है। कार्टूनिस्टों को अक्सर व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी करने की स्वतंत्रता होती है, लेकिन यह स्वतंत्रता मानहानि या किसी समूह की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपों के तहत कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकती है। आशीष दुबे / 19 अगस्त 2025