राष्ट्रीय
19-Aug-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। मेड इन इंडिया लेबल योजना की सफलता के लिए, सरकार ने तीन वर्षों के लिए 995 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है और अनुमान है कि यह योजना आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर होगी। मेड इन इंडिया लेबल योजना भारत सरकार की एक ऐसी पहल है, जो भारत में निर्मित उत्पादों के लिए एक ब्रांड प्रतिष्ठा, मज़बूत पहचान और व्यापक पहुंच के माध्यम से विनिर्माण उद्योग को सहायता प्रदान करती है। मेड इन इंडिया लेबल का उद्देश्य भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को प्रदर्शित करना और विभिन्न क्षेत्रों में उच्च रेटिंग प्राप्त करना है। योजना का लक्ष्य भारत में निर्मित उत्पादों की प्रतिष्ठा को मज़बूत करना है। यह भारत में निर्मित और/या स्थानीय कच्चे माल से तैयार उत्पादों की प्रामाणिकता की गारंटी भी देता है। दरअसल, जब दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी और विश्व बंद अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा था, भारत ने आत्मनिर्भर बनने के अवसर का लाभ उठाया। मई, 2020 में आत्मनिर्भर भारत योजना शुरू की गई। इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता को विकास और राष्ट्रीय शक्ति का आधार बनाना था ताकि भारत विश्‍व में अपनी पहचान बना सके और मानवता की भलाई में और अधिक योगदान दे सके। आत्मनिर्भरता के इस मिशन का एक प्रमुख आधार सरकार के 2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल है। इस पहल का उद्देश्य निवेश को सुगम बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना, सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार का केंद्र बनाना है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और “वोकल फॉर लोकल” पर बल देने से विनिर्माण क्षेत्र घरेलू और वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। सुबोध\१९\०८\२०२५