मुंबई,(ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में मुंबई में फिक्की (फिक्की) और भारतीय बैंक संघ द्वारा आयोजित एफआईबीएसी 2025 वार्षिक सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आरबीआई गर्वनर मल्होत्रा ने जोर देकर कहा कि दुनिया अभी भी व्यापार विवादों और भू-राजनीतिक तनावों जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इसके बावजूद भारत को न केवल इन चुनौतियों से निपटना है, बल्कि विकास के नए अवसरों का भी लाभ उठाना है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में मौद्रिक नीति की अहम भूमिका है। आरबीआई का मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता और आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है। अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने की संभावना पर, आरबीआई प्रमुख मल्होत्रा ने उम्मीद जाहिर की कि इस मुद्दे पर बातचीत सफल होगी और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत कम असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में केंद्रीय बैंकों के सामने दोहरी चुनौती है, आर्थिक सुधार को बाधित किए बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना। अस्थिर कमोडिटी की कीमतें और पूंजी प्रवाह इस संतुलन को और भी नाजुक बना रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारत बाहरी मोर्चे पर एक मजबूत स्थिति में है। देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, जो करीब 11 महीने के आयात को पूरा कर सकता है, जो एक आरामदायक स्थिति है। बात दें कि आरबीआई प्रमुख मल्होत्रा ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की मजबूत स्थिति पर भरोसा जताया और यह भी कहा कि देश को अपनी विकास यात्रा जारी रखने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने की ज़रूरत है। आशीष दुबे / 25 अगस्त 2025