राष्ट्रीय
31-Aug-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनिया भर में लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग एप टेलीग्राम अपनी निजता और सुरक्षा सुविधाओं के लिए मशहूर है। कई देशों में करोड़ों यूजर्स का पसंदीदा प्लेटफॉर्म है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टेलीग्राम पूरी तरह से छह देशों में प्रतिबंधित है। इसकी वजह है इसका बार-बार राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी विवादों में फंसना है। टेलीग्राम को लेकर सबसे बड़ा विवाद इसका इस्तेमाल है। यह प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, प्राइवेट चैट और सीक्रेट चैनल जैसी सुविधाएं मुहैया करता है। लेकिन कई बार इसका दुरुपयोग राजनीतिक कार्यकर्ताओं, असंतुष्ट समूहों और इतना ही नहीं चरमपंथी संगठनों द्वारा किया गया है। कई सरकारों का मानना है कि टेलीग्राम का उपयोग विरोध प्रदर्शनों को संगठित करने, गलत सूचना फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए किया जाता है। इसकारण कुछ देशों ने टेलीग्राम को पूरी तरह से बैन कर दिया है। सबसे पहले चीन ने 2015 में टेलीग्राम पर रोक लगाई। वहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विरोध प्रदर्शनों में इस्तेमाल होने की वजह से खतरे के रूप में देख रहा था। इसके बाद ईरान ने 2018 में इस एप को बैन कर दिया। सरकार का कहना था कि टेलीग्राम विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रहा है और गलत तरह का कंटेंट फैला रहा है। थाईलैंड ने 2020 में बैन किया, जब सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। वहीं, पाकिस्तान में सुरक्षा कारणों और स्थानीय कानूनों का पालन न करने पर टेलीग्राम पर रोक लगी। 2024 में यूक्रेन ने सरकारी एजेंसियों और सेना के अधिकारियों को इसका उपयोग करने से रोक दिया। यूक्रेनी सरकार ने दावा किया कि रूसी खुफिया एजेंसियां टेलीग्राम यूजर्स के निजी संदेशों तक पहुंच सकती हैं। इसी तरह, वियतनाम ने 2025 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। आरोप था कि इसका इस्तेमाल सरकार विरोधी दस्तावेज़ और गलत सूचना फैलाने में किया जा रहा था। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि टेलीग्राम जैसी एप्स, जिनकी पॉलिसी यूजर की निजता को प्राथमिकता देती हैं, सरकारों के लिए चुनौती बन जाती हैं। जहां आम लोगों के लिए यह सुरक्षा का साधन हैं, वहीं सरकारों को डर है कि इनका इस्तेमाल गुप्त गतिविधियों और उकसावे वाले अभियानों के लिए किया जा सकता है। आशीष/ईएमएस 31 अगस्त 2025