31-Aug-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान और काम का दबाव न सिर्फ मानसिक थकान बढ़ा रहा है, बल्कि शारीरिक कमजोरी भी लाता है। ऐसे में योग एक प्रभावी उपाय बनकर सामने आया है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए योग के वक्रासन का सहारा लिया जा सकता है। इस योगासन के लाभ हाल ही में आयुष मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के जरिए साझा किए। वक्रासन का नियमित अभ्यास शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए यह आसन बेहद उपयोगी है, जो दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। शरीर को एक ओर मोड़ने से रीढ़ पर खिंचाव आता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है। यह आसन पाचन तंत्र को भी सक्रिय करता है। पेट के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव बनने से गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। पेट हल्का रहता है और पाचन बेहतर होता है। वहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए यह आसन खास लाभकारी है। वक्रासन अग्न्याशय को सक्रिय करता है, जिससे इंसुलिन का स्राव बेहतर होता है और शुगर स्तर नियंत्रित रहता है। मानसिक तनाव और थकान दूर करने में भी वक्रासन बेहद मददगार है। इसे गहरी सांस के साथ करने से मस्तिष्क तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है और मन शांत होता है। दिनभर की बेचैनी और तनाव कम करने के लिए यह आसन सरल और प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, वक्रासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। शरीर को मोड़ते समय श्वास पर नियंत्रण रखने से फेफड़ों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, जिससे ऑक्सीजन का स्तर बेहतर होता है। यह आसन शरीर की अतिरिक्त चर्बी घटाने में भी मदद करता है क्योंकि यह सीधे पेट की मांसपेशियों पर काम करता है और नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होने लगती है। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में 30 सेकंड तक रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं। यही प्रक्रिया दूसरी ओर भी दोहराएं। नियमित अभ्यास से वक्रासन न केवल शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में संतुलन भी लाता है। वक्रासन करने की विधि भी सरल है। सबसे पहले दंडासन में बैठें और बाएं पैर को मोड़कर दाएं घुटने के पार रखें। दाएं हाथ को मोड़कर बाएं पैर के पास ले जाएं और बाएं हाथ को पीछे जमीन पर टिकाएं। धीरे-धीरे कमर, कंधे और गर्दन को बाईं ओर मोड़ें और रीढ़ को सीधा रखें। सुदामा/ईएमएस 31 अगस्त 2025