नई दिल्ली (ईएमएस)। एनसीआर में डेंगू का खतरा बढ़ गया है जिससे गर्भवती महिलाओं में जटिलताएं बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था में डेंगू के लक्षण समान होने से पहचान मुश्किल हो जाती है। समय से पहले प्रसव और रक्तस्राव का खतरा होता है जिससे शिशु की जान जा सकती है। तेज बुखार पेट दर्द और रक्तस्राव जैसे लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। चिकित्सकों के मुताबिक हर सीजन में गर्भावस्था के दौरान डेंगू के लगभग छह प्रतिशत मामले सामने आते हैं। गर्भवतियों में डेंगू के चलते कई स्वास्थ्य जटिलताएं आती हैं। समय से पहले प्रसव के साथ रक्तस्राव का खतरा रहता है। गर्भस्थ शिशु की जान का भी जोखिम होता है। डेंगू और गर्भावस्था के दौरान के लक्षणों में काफी समानता होती है। ऐसे में जांच कराना और चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी हो जाता है। सामान्य लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाओं के लिए डेंगू का संक्रमण कहीं अधिक जटिल साबित हो सकता है। गर्भवती महिलाओं में खून की मात्रा बढ़ जाती है और खून में क्लाटिंग भी सामान्य से तेज गति से होती है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/31/अगस्त/2025