वाशिंगटन,(ईएमएस)। रूस से कच्चे तेल की खरीद पर उखड़े अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को न्यायोचित ठहराने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों उन्होंने इस बाबत कहा था कि भारत के साथ व्यापार पूरी तरह से एकतरफा आपदा के समान है। नई दिल्ली ने हमारे सामने हालांकि जीरो टैरिफ की पेशकश की थी। लेकिन इसके लिए बहुत देर हो चुकी है। अब उनका एक ताजा बयान सामने आया है, जिसमें ट्रंप कह रहे हैं कि भारत ने अपने टैरिफ से अमेरिका को मार डाला है। इस देश (भारत) ने अब हमें जीरो टैरिफ की पेशकश की है। हमारे प्रशासन की व्यापार और टैरिफ नीतियों के बीच नई दिल्ली के साथ बढ़ते तनाव के मध्य हमें उनके द्वारा अमेरिका पर लगाए जाने वाले ऊंचे टैरिफ पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति ने द स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो और उसके बाद मीडिया से बातचीत में दी है। यहां ये भी बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान एक ऐसे समय में सामने आया है। जब हाल ही में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों देशों के बीच इस साल नवंबर महीने तक व्यापार समझौता होने की बात कही थी। वहीं, भारत के खिलाफ भविष्य में ट्रंप अपने 50 फीसदी टैरिफ के निर्णय को वापस लेंगे या नहीं। इसे लेकर उन्होंने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वो हमारे खिलाफ ऊंचा टैरिफ लगाते हैं। चीन का टैरिफ अमेरिका को मार रहा है। इसके साथ ही भारत और ब्राजील का टैरिफ भी हमें मार रहा है। ऐसे में मेरी समझ के मुताबिक, बाकी देशों की तुलना में या दुनिया में किसी भी इंसान से अच्छा टैरिफ है। भारत को लेकर उनका तर्क था कि वह अमेरिका पर एक सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश है और उन्होंने मुझे टैरिफ को पूरी तरह से समाप्त करने यानी जीरो टैरिफ की पेशकश भी की है। अगर मैं उन पर टैरिफ न लगाता तो मुझे ये ऑफर कभी नहीं मिलता। इसलिए टैरिफ तो होना ही चाहिए। क्योंकि इससे हम आर्थिक रूप से मजबूत बन रहे हैं। ट्रंप ने भारत के ऊंचे टैरिफ की आलोचना करते हुए हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर भारत द्वारा लगाए गए 200 फीसदी टैरिफ का भी उदाहरण दिया। अमेरिका की निचली अदालतों द्वारा ट्रंप के दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाए गए टैरिफ के फैसले को अवैध करार देने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह तमाम अदालती मामले बाकी देशों से प्रभावित हैं। जो हमारा फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का रुख कर न्यायालय से मामले में जल्द सुनवाई की मांग करने का निर्णय भी लिया है। साथ ही वो यह भी कह रहे हैं कि अगर इस मामले में उनके हक में फैसला नहीं आता है। तो उससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगेगा। जो किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं होगा। वीरेंद्र/ईएमएस/04सितंबर2025 -----------------------------------