17,500 किसानों को मिली 20.6 करोड़ की राहत भोपाल(ईएमएसा)। मप्र के 11 जिलों के 17,500 किसानों को 20.6 करोड़ की राहत मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके खातों में डाली है। उन्होंने प्रदेश के अतिवृष्टि, बाढ़ एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों से वर्चुअली चर्चा भी की। सिंगल क्लिक के माध्यम से 11 जिलों के 17,500 कृषक भाइयों-बहनों को 20.6 करोड़ की राहत राशि का अंतरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन बोले कि हमारा लक्ष्य संवेदनशील शासन, त्वरित राहत है। किसानों का कल्याण हमारी प्राथमिकता है। 2025-26 में अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावितों को कुल 188.52 करोड़ की सहायता प्रदान कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को समृद्ध करने लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। संकट में हमारी सरकार सदैव किसानों के साथ हैं। किसान और सीमा पर जवान दोनों अपनी मेहनत से देश की सेवा करते हैं। 11 जिलों के किसानों का फायदा सीएम ने कहा कि 11 जिलों के 12 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बड़े क्षेत्र में खराब हुई फसलों के लिए यह राशि दे रहे हैं। किसान हमारी सरकार पर पूरा भरोसा करता है। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन में मौसम की मार से परेशानी आई है। इस परेशानी का सरकार ने समाधान कर दिया है। खेतों में किसान और सीमा पर जवान दोनों आंधी-तूफान और कष्टों के बीच अपनी मौजूदगी से, मेहनत से, जान की बाजी लगाकर देश के लोगों की सेवा करते हैं। प्रदेश में कहीं-कहीं बहुत ज्यादा बारिश हुई और कहीं-कहीं कम बारिश भी हुई। इस असंतुलन की कीमत हमें थोड़ी-थोड़ी चुकानी पड़ रही है। सरकार हर परेशानी में किसान के साथ है। हमारी सरकार बाढ़ के दौरान भी जनता के बीच गई। सरकार किसानों के हर संकट में साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध है। मिलकर आपदा से मुकाबला करेंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हर किसान को आश्वासन देना चाहता हूं कि संकट की घड़ी में हमारी सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है। किसानों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की ताकत है। किसान अपनी मेहनत से एक फिर जीवन के मैदान में उतरेंगे। हमें आशा है कि अगली फसल इस नुकसान की भरपाई कर देगी। हम सब मिलकर इस आपदा से मुकाबला करेंगे। किसान कभी हार नहीं मानता, वह जीवटता के साथ आने वाले कल की तैयारी करता है। आइए हम सब मिलकर एक बार फिर कामना करें कि एक बार फिर धरती माता हमारे अन्न के भंडार भरेगी। विनोद उपाध्याय / 06 सितम्बर, 2025