नई दिल्ली (ईएमएस)। भोजन छोड़ना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है और इससे शरीर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह प्रक्रिया शरीर में टॉक्सिन्स के जमाव को बढ़ा सकती है, जबकि आयुर्वेद के अनुसार नियमित और संतुलित खानपान ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। आयुष मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर बताया कि डिटॉक्स और वजन घटाने के लिए भोजन छोड़ने के बजाय संतुलित आहार, योग और प्राकृतिक उपाय अधिक प्रभावी होते हैं। आयुर्वेद मानता है कि अनियमित खानपान से पाचन अग्नि यानी पाचन शक्ति कमजोर होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है। इस प्रक्रिया के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है, जिन्हें आयुर्वेद में ‘आम’ कहा जाता है। यही आम कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। मंत्रालय ने लोगों को कुछ सरल उपाय अपनाने की सलाह दी है, जिनसे शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है। इसमें सबसे पहले नियमित समय पर संतुलित भोजन करना शामिल है। भोजन में फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल और बाजरे जैसे अनाज शामिल करने की सलाह दी गई है। साथ ही, दिनभर गर्म पानी पीना पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। योग और प्राणायाम को भी आयुर्वेदिक डिटॉक्स प्रक्रिया का अहम हिस्सा बताया गया है। श्वास व्यायाम जहां तनाव कम करते हैं, वहीं शरीर की शुद्धि में भी सहायक साबित होते हैं। नाक में तिल का तेल लगाना यानी नस्य और हर्बल काढ़ा जैसे तुलसी-अदरक की चाय पीना भी शरीर को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि पर्याप्त नींद और मौसम के अनुसार जीवनशैली यानी ऋतुचर्या अपनाना जरूरी है। आयुर्वेद में डिटॉक्स के लिए पंचकर्म जैसी प्रक्रियाओं का भी उल्लेख मिलता है, जिन्हें केवल विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। आयुष मंत्रालय का मानना है कि शरीर की वास्तविक शुद्धि और वजन घटाने के लिए लोगों को भोजन छोड़ने जैसी आदतों से बचना चाहिए और आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाना चाहिए, जिससे शरीर लंबे समय तक स्वस्थ और ऊर्जावान रह सके। मालूम हो कि आज के समय में शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने यानी डिटॉक्स और वजन घटाने के लिए लोग अक्सर भोजन छोड़ने का सहारा लेते हैं। सुदामा/ईएमएस 07 सितंबर 2025