नई दिल्ली(ईएमएस)। भारत और नेपाल सीमा पर एक गोरी सी महिला हाथ में कागज लेकर घूम रही थी। जवानों को संदेह हुआ और उससे पूछताछ की तो बड़े मामले का खुलासा हुआ। दरअसल, भारत-नेपाल सीमा गुरुवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने एक इंडोनेशियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है। ये महिला अवैध रूप से नेपाल में प्रवेश करने का प्रयास कर रही थी। मूल रूप से बाली निवासी नी कादेन सिसियानी नामक महिला को सिलीगुड़ी के पास पानी की टंकी में मेची नदी पर बने पुराने पुल पर पकड़ा गया। पहले तो जवानों ने भारत आने के प्रयोजन के बारे में पूछताछ की गई तो वह बातें घूमाने की कोशिश की। जवानों को शक हुआ तो उन्होंने उसके पहचान पत्र की जांच की। उसके पास से भारत के जाली आधार कार्ड और पैन कार्ड मिले हैं। सेना के जवान दिन रात सीमा पहर मुश्तैदी से भारत में अवैध रूप से घुसने वाले या फिर देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को नाकाम करते हैं। फिर भी कई बार ऐसा होता है कि अवैध प्रवासी प्राकृतिक बॉर्डर के जरिए भारत में घुसने में कामयाब हो जाते हैं और भारत के फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ भारत में रहने लगते हैं। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के बाद सीमा पर चकमा देने वालों को देश के अंदर पकड़ लिया जाता है। एसएसबी ने जाली दस्तावेज़ और अन्य सबूत ज़ब्त कर लिए हैं। सिसियानी को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए दार्जिलिंग ज़िले के खारीबाड़ी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है। उसकी गिरफ्तारी और उसके बाद हुए खुलासे इस असुरक्षित सीमा पार से संचालित पहचान धोखाधड़ी और मानव तस्करी के परिष्कृत नेटवर्क को उजागर करते हैं। सेना के पूछताछ में सिसियानी ने अपना नाम कुछ और ही बताया। साथ ही खुद को भारतीय नागरिक बताया। हालांकि, जब उसकी गहन तलाशी ली गई, तो उसके पास से इंडोनेशियाई पासपोर्ट के साथ-साथ फर्जी भारतीय पहचान पत्र, जिसमें एक फर्जी आधार कार्ड और एक पैन कार्ड भी शामिल था, बरामद हुआ। सूत्रों के अनुसार, महिला ने मुंबई में एक एजेंट के माध्यम से ये फर्जी दस्तावेज हासिल करने की बात कबूल की है। इस खुलासे ने जांच को और गहरा कर दिया, क्योंकि पता चला कि वह लगभग एक दशक से इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके महानगर में रह रही थी ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके। अधिकारियों को यह भी पता चला कि उसने विदेश जाने के लिए कई पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया था। वह अक्सर इंडोनेशिया, तुर्की, नेपाल और भारत के बीच आती-जाती रहती थी। वीरेंद्र/ईएमएस/07सितंबर2025