राज्य
08-Sep-2025
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* आत्मशुद्धि और क्षमा का गुंजा दिव्य संदेश कोरबा (ईएमएस) 7 सितंबर को श्री 105 आरीका संघ का 34वाँ चातुर्मास वर्षायोग श्री दिगंबर जैन मंदिर, बुधवारी, कोरबा (छत्तीसगढ़) में हर्षोल्लासपूर्वक से मनाया गया। इस पावन अवसर पर जैन मिलन समिति कोरबा द्वारा “क्षमावाणी पर्व” का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन, समाजसेवी एवं गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे। क्षमावाणी पर्व जैन धर्म का प्रमुख पर्व है, जो आत्मशुद्धि, विनम्रता और क्षमा की भावना को उजागर करता है। यह पर्व हमें अपने द्वारा किए गए कष्टप्रद व अनजाने कर्मों के लिए क्षमा माँगने का पावन अवसर प्रदान करता है। साथ ही समाज में भाईचारा, प्रेम, सहिष्णुता और मैत्री का संदेश फैलाने का कार्य करता है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन, महापौर कोरबा नगर निगम संजू देवी राजपूत, नरेंद्र देवांगन, प्रदीप जैन, डॉ. प्रिंस जैन, ओमप्रकाश जैन, डॉ. आकांक्षा जैन सहित अनेक समाजसेवी एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे। इस अवसर पर महापौर संजू देवी राजपूत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की “क्षमावाणी पर्व मानवता का अनुपम संदेश है। यह हमें सिखाता है कि क्षमा केवल व्यक्तिगत कमजोरी नहीं, बल्कि जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। समाज में प्रेम, सहिष्णुता और परस्पर समझदारी बढ़ाने के लिए हमें अपने अहंकार को त्यागकर एक-दूसरे के प्रति करुणा का व्यवहार अपनाना चाहिए। यदि हम अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाते हैं, तो विनम्रता से क्षमा मांगें और दिल से दूसरों को भी क्षमा करें। यही सच्चा धार्मिक व नैतिक मार्ग है।” कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रद्धालुजन ने मिलकर भावपूर्ण ध्यान एवं वन्दना के साथ “मिच्छामी दुक्कड़म्” का उच्चारण किया। कार्यक्रम के माध्यम से यह प्रेरक संदेश दिया गया कि क्षमा केवल व्यक्तिगत अधिकार नहीं, अपितु यह मानवता का परम कर्तव्य है, जो समाज को सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण बनाने में सहायक होता है। जैन मिलन समिति कोरबा द्वारा पूरे आयोजन का उत्कृष्ट और सुचारु संचालन किया गया। समापन अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुजन ने दृढ़ संकल्प लिया कि वे अपने वचन, विचार और कर्म में सजगता बरतेंगे, क्षमा की भावना को अपनाकर समाज में प्रेम, सहयोग, सहिष्णुता व सेवा का उज्ज्वल संदेश फैलाएंगे। 08 सितंबर / मित्तल