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09-Sep-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में जेन-जेड युवाओं के नेतृत्व में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नेपाल में युवाओं का ये विरोध प्रदर्शन केवल सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और नेताओं के खिलाफ हैं। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का विरोध कर रहे हैं। इसी कारण सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, पीएम आवास और नेताओं के घरों को निशाना बनाकर आग लगा दी है। इन हिंसक झड़पों में 20 युवाओं की मौत हो गई है और करीब 400 घायल हुए हैं। पीएम ओली के इस्तीफे से पहले कई मंत्रियों, जैसे गृह मंत्री रमेश लेखक और कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, ने भी अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था। ओली सरकार में सहयोगी पार्टियों के कई सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि पीएम ओली नेपाल के आर्मी चीफ को इस्तीफा देकर देश छोड़ सकते हैं। उनके साथ कई मंत्री भी नेपाल से निकल सकते हैं। वहीं ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में अनिश्चितता का माहौल है। प्रदर्शनकारियों ने अभी तक किसी नए नेता का नाम घोषित नहीं किया है, और देश में नए चुनावों की संभावना जाहिर की जा रही है। यह भी बताया गया है कि ओली और कुछ अन्य बड़े नेता देश छोड़ सकते हैं। इस विरोध प्रदर्शन की ख़ास बात यह है कि इसका नेतृत्व 20 से 25 साल के युवा कर रहे हैं, इसलिए जेन-जेड प्रोटेस्ट कहा जा रहा है। ये युवा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और वंशवाद के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये प्रदर्शन सोशल मीडिया बैन नहीं बल्कि भ्रष्टाचार और नेपोटिज्म के खिलाफ चल रहा है, जब तक केपी ओली इस्तीफा नहीं देते हैं और सरकार नहीं गिर जाती है, तब तक ये प्रदर्शन चलता रहेगा। हालांकि अब पीएम ओली का इस्तीफा हो चुका है। देखना यह हैं कि युवा प्रदर्शनकारियों को यह आंदोलन कब खत्म होता है। आशीष दुबे / 09 सिंतबर 2025