बिलासपुर (ईएमएस)। कांग्रेस की वोट चोर-गद्दी छोड़ सभा में छत्तीसगढ़ प्रभारी, राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि वोट अधिकार से वंचित करना लोकतन्त्र में सबसे बड़ा अपराध है। वोट चोरी से सत्ता पाने वालों को जनता माफ नहीं करेगी। वोट चोरी को सामने लाने के लिए कांग्रेसी मिलकर सरकार को चुनौती देंगे। इसके अंतर्गत हर जिले में हस्ताक्षर अभियान चलाकर जनता को बताया जाएगा कि उनके वोट की चोरी किसने की। अभियान की शुरुआत 16 सितंबर को रायगढ़ से होगी। स्थानीय ग्रीन गार्डन मैदान मुंगेली नाका में मंगलवार को आयोजित वोट चोर - गद्दी छोड़ अभियान के अंर्तगत आमसभा को पायलट संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में हर व्यक्ति को वोट देने के अधिकार की जो व्यवस्था बनाई गई उसे जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। मोदी सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन की व्यवस्था बदलकर तीन लोगों की कमेटी में गृहमंत्री को भी शामिल कर दिया ताकि मनमाना चयन हो। सामने चुनाव को देखते हुए बिहार में लाखों नाम काटने का मुद्दा राहुल गांधी ने उठाया तो उनको वोटर लिस्ट नहीं दी जा रही और पोलिंग बूथ में लगे सीसीटीवी कैमरों का रिकॉर्ड भी 45 दिन में नष्ट करने की बात कह दी ताकि सच्चाई सामने न आए। मुख्य आयुक्त और बीजेपी एक-दूसरे को बचाने में लगे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में इसी तरह वोट चोरी कर भाजपा सरकार बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1 लाख रोजगार, 500 में सिलेंडर देने के वादे का क्या हुआ? खाद बीज, किसान रोजगार, बिजली के मुद्दे पर बात नहीं होती। ईडी सीबीआई का उपयोग सिर्फ विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है। भूपेश बघेल ने लगवाए नारे-कका जिंदा है, हार का ठीकरा वोट चोरी पर फोड़ा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संबोधन की शुरुआत कका अभी जिंदा है, नारे से की।उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते कहा कि हमारे नेताओं से निवेदन है कि अब ये न कहें कि हमारी सरकार ने काम नहीं किया और हम हार गए। कई जगह लोग मुझसे कहते हैं कि वोट कांग्रेस को दिया फिर हार कैसे गए? उन्होंने राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम वाले बयान का उल्लेख करते कहा कि यह कहीं बनारस तो नहीं है? बनारस में 11 लाख वोट पडऩे लेकिन साढ़े 12 लाख वोट गिनती की जानकारी वहां के कांग्रेस प्रत्याशी ने दी है। अगर गड़बड़ी निकली तो मोदी का क्या होगा? उन्होंने कहा कि 5 साल हमने बिजली, खाद किसी चीज के दाम नहीं बढ़ाए। दो साल में ही प्रदेश की जनता परेशान हो चुकी- बैज पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार संभल जाए, जनता बदलाव के लिए तीन साल बीतने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। इसके पहले कभी आयोग पर सवाल नहीं उठे। 2 साल में ही पूरे प्रदेश की जनता परेशान हो चुकी है। सरकार को फर्क नहीं पड़ रहा। बस्तर में बाढ़ पीडि़त त्रस्त हैं लेकिन राज्य सरकार कार्यक्रमों में व्यस्त है। पूर्व मंत्री डहरिया ने चमचे कहने पर सवाल उठाया, महंत-सिंहदेव ने लगाया वोटर लिस्ट गड़बड़ी का आरोप पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने अपने संबोधन में तल्ख अंदाज में कहा कि हम सब चमचे नहीं हैं किसी के, और हैं भी तो कांग्रेस के चमचे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर में भी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 18 हजार से ज्यादा नामों की गड़बड़ी सांमने आई है। एक ही घर में 20-20 वोटर मिले हैं। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि वोट की चोरी ने महाराष्ट्र में सरकार बदल दी, आंकड़ों ने साबित किया कि मोदी उधार के पीएम हैं। 44 विधानसभा के मतदान प्रतिशत छग में बदले लगातार बदले गए। आयोग से शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई। पदाधिकारी, विधायक, पूर्व मंत्री शामिल मंच संचालन जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल, स्वागत भाषण ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी और आभार शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने किया। ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने स्वागत भाषण दिया। सभा मे विजय जांगिड़, विधायक देवेंन्द्र यादव, पूर्व मंत्रीगण ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, मोहन मरकाम, उमेश पटेल, अनिला भेडिय़ा, शिव डहरिया,जय सिंह अग्रवाल,अमरजीत भगत,सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू,मलकीत सिंह गेन्दू, सुबोध हरितवाल,अटल श्रीवास्तव,दिलीप लहरिया, शैलेष पांडेय, रश्मि आशीष सिंह,आशीष सिंह, सियाराम कौशिक, सहित विधायक भीड़ के इंतजार में सभा ढाई घण्टे देर से शुरू आमसभा में 25 हजार की भीड़ जुटने का दावा किया गया था लेकिन मैदान की क्षमता ही काफी कम है। कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से आयोजित था, लेकिन 1 बजे के बाद भी आधे से ज्यादा कुर्सियां खाली थी। उसके बाद धीरे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या बड़ी। भीड़ दिखने के बाद 2.25 के आसपास पायलट व अन्य प्रमुख नेता पहुंचे, इसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के नेता और कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पहुंचे उनको मंच से बार बार अनुरोध कर शांत कराना पड़ा। नेताओं के बीच कार्यक्रम में शक्ति प्रदर्शन की होड़ भी दिखी। कई वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यक्रम में पहुंचे थे लेकिन न तो मंच से उनका नाम लिया गया न ही स्वागत या अन्य कार्यक्रम में तवज्जो दी गई। चेहरा दिखाने की होड़ में मंच के सामने ही कांग्रेसी बार बार इक_े हो रहे थे। कई लोग वहां कुर्सी लाकर बैठ गए, जिनको हटाना पड़ा। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 10 सितंबर 2025