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10-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। कनाडा और अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा देश रहे हैं, जहां वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं लेकिन इन दोनों देशों के बुरे बर्ताव और भारतीय छात्रों के प्रति उदासीन रवैये की वजह से भारतीय छात्रों का रुझान अब जर्मनी की ओर बढ़ चला है। जर्मनी टॉप पसंदीदा देश बनकर उभरा है। इसकी वजह से कनाडा अब सिर्फ 9 फीसदी छात्रों की पहली पसंद बनकर रह गया है। भारतीय प्रवासी छात्रों और एच-1बी वीजा धारकों पर हाल के दिनों में अमेरिका की ट्रंप सरकार की कठोर कार्रवाई के बाद उसके पड़ोसी देश कनाडा ने भी भारत को करारा झटका दिया है। कनाडा ने 2025 में 80 फीसदी भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन रद्द कर दिए हैं। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के अनुसार, 2025 में कनाडा ने 80 प्रतिशत भारतीय छात्र वीजा आवेदनों को खारिज कर दिया, जो एक दशक में सबसे ज़्यादा है। आँकड़ों के अनुसार, एशिया और अफ्रीका के अन्य देशों के आवेदकों के वीजा आवेदन भी खारिज किए गए हैं लेकिन भारतीय छात्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। कनाडा के इस कदम का असर वहां के कॉलेजों में होने वाले नामांकन पर भी पड़ा है। कनाडा सरकार के आँकड़ों के अनुसार, 2024 में कनाडा ने केवल लगभग 1.88 लाख नए भारतीय छात्रों को ही एडमिशन दिए गए, जबकि दो साल पहले तक यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होती थी। भारत समेत दुनिया भर के देशों के छात्रों के लिए कनाडा इसलिए अपना दरवाजा बंद कर रहा है क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर आवासीय सुविधा की कमी है। इसके अलावा बुनियादी ढाँचे पर दबाव है। स्थानीय राजनीति की वजह से भी कनाडा इस तरह की कार्रवाई करने को मजबूर हुआ है। छात्रों को वीजा जारी करने के लिए कनाडा ने अब अपने नियमों में भी बदलाव कर दिया है और कहा है कि वीजा आवेदन करने वाले छात्रों को पहले की तुलना में ज्यादा वित्तीय दायित्वों का निर्वहन करना होगा। यानी अब उन्हें 20,000 कनाडाई डॉलर के पेपर दिखाने होंगे। इसके अलावा विस्तृत अध्ययन योजना और भाषा परीक्षा के परिणाम प्रस्तुत करने होंगे। भारतीय छात्रों की शीर्ष पसंद में जर्मनी ने कनाडा को पीछे छोड़ दिया है और उसे 31 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। कनाडा की पसंद 2022 में 18 प्रतिशत से घटकर 2024 में 9 प्रतिशत रह गई है। दूसरी तरफ, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भी भारतीय छात्रों के आवेदनों में साल-दर-साल 13 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ जर्मनी में भारतीय छात्रों के एडमिशन में 2024-25 में 32.6 फीसदी की तेजी देखी गई है। वीरेंद्र/ईएमएस/10सितंबर2025