वाशिंगटन,(ईएमएस)। हाल में ओरेगन तट से सटे इलाके में दर्ज किए गए कई भूकंप से वैज्ञानिकों और नागरिकों में एक बार फिर उसी विशाल भूकंप और खतरे की यादें ताजा कर दी हैं, जिसने ओरेजन का नक्शा बदल दिया था।दुनिया में एक ऐसी प्राकृतिक आपदा की आहट महसूस की जा रही है, जो भूगोल बदलने में सक्षम है। आज से 425 साल पहले कुछ ऐसा ही हुआ था, जिसके बाद दुनिया ने देखा कि प्रकृति अपना रूप दिखाती है, तो क्या हो जाता है। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक सोमवार देर रात से 12 घंटे के भीतर 5.8 मैग्नीट्यूड का मुख्य झटका आया, जिसके बाद दर्जनों आफ्टशॉक्स महसूस किए गए। जिनमें से कई 2.5 मैग्नीट्यूड से ऊपर थे। झटकों का केंद्र कास्केडिया जोन में था, जो जुआन डी फुका प्लेट के उत्तरी अमेरिकी प्लेट के नीचे दबने की वजह से बड़ा भूकंपीय खतरा बनता है। एफईएमए (फेडरल इमरजेंसी मेनेजमेंट एजेंसी) का अनुमान है कि ऐसे भूकंप और तूफान की स्थिति में कम से कम 5800 लोग मारे जाएंगे, 100,000 घायल होंगे। अकेले सूनामी से 8000 और लोगों की मौत हो सकती है और आर्थिक रूप से इस घटना से लगभग 134 अरब डॉलर का नुकसान होगा। एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि अगर समुद्री क्षेत्र ढलने और समुद्र तल में बढ़ोतरी होने की वजह से तटीय क्षेत्र बड़े पैमाने पर जलमग्न हो सकते हैं। इसकी वजह से 34 से 116 वर्ग मील तक राजस्व बहने वाला क्षेत्र बढ़ सकता है और 14350 निवासी, 22500 स्ट्रक्चर और सैकड़ों किलोमीटर सड़कें खत्म हो जाएंगी। कास्केडिया जोन उत्तरी वैंकूवर द्वीप से लेकर उत्तरी कैलिफोर्निया तक फैला हुआ है और पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली खोजा गया भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। 1700 में यहां लगभग 9.0 मैग्नीट्यूड का विशाल भूकंप आया था, जिसने तटरेखा को कुछ फीट नीचे धकेल दिया और सूनामी पैदा की थी। हालिया झटकों ने यह सवाल फिर से जीवित कर दिया है और सवाल खड़ा किया है कि हम इसके लिए कितने तैयार हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे चुके हैं कि अगर यह घटना अब हुई, तो 100 फीट ऊंची सुनामी उठेगी और तटीय इलाकों में भारी तबाही मचेगी। वीरेंद्र/ईएमएस/11सितंबर2025