-स्पेस सेंटर में नहीं मिलेगी एंट्री, अब अमेरिका-चीन में बढ़ेगी अंतरिक्ष होड़ वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चीनी नागरिकों के खिलाफ आंतरिक सुरक्षा के तहत कड़ा कदम उठाया है। नासा ने चीनी नागरिकों की भौतिक और साइबर सुरक्षा को सीमित कर दिया है। इसमें नासा की सुविधाएं, अनुसंधान सामग्री और नेटवर्क शामिल हैं, जिन पर अब चीनी नागरिकों की पहुंच नहीं होगी। दरअसल नासा अब वो उन चीनी नागरिकों को अपने कार्यक्रमों से बाहर कर रहा है, जिनके पास वीजा तो वैध है लेकिन उन्हें आईटी एक्सेस मिल रहा था। इस कदम ने अमेरिका और चीन की अंतरिक्ष में होड़ को और ज्यादा बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नासा की प्रवक्ता बेथनी स्टीवंस ने कहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से चीनी नागरिकों को संस्थागत रूप से नासा में फिजिकल एंट्री, साइबरनेटिक सुविधाएं, नेटवर्क और सामग्री संबंधी पहुंच से प्रतिबंधित किया है। यह फैसला स्पेस एजेंसी की आंतरिक सुरक्षा और यहां होने वाले रिसर्च वर्क की संवेदनशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पहले चीनी नागरिक कॉन्ट्रैक्टर्स या छात्रों के रूप में नासा प्रोजेक्ट्स में काम कर सकते थे, बशर्ते वे कर्मचारी न हों। रिपोर्ट के मुताबिक 5 सितंबर से कुछ चीनी नागरिकों ने बताया था कि उन्हें अचानक आईटी सिस्टम्स से बाहर कर दिया और उन्होंने इन‑पर्सन बैठकों में भाग नहीं लिया। यह कदम उस समय उठाया गया है जब ट्रंप प्रशासन की चीन के प्रति नीति और रुख ज्यादा कड़ा है। अमेरिका और चीन दोनों चांद पर फिर से मानव मिशन भेजने की दौड़ में लगे हैं। ऐसे में अमेरिका, चीन के साथ अपनी किसी भी गुप्त जानकारी को साझा नहीं करना चाहता है। अमेरिका का आर्टेमिस प्रोग्राम उसके 1969-1972 के अपोलो मिशन का हिस्सा है, जिसके तहत वह चांद पर उतरने का लक्ष्य 2027 तक लेकर चल रहा है। हालांकि उसे कई तकनीकी समस्याओं और बजट बढ़ोतरी की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वहीं ड्रेगन का लक्ष्य है कि चीन के अंतरिक्ष यात्री साल 2030 तक चांद पर उतरें। नासा के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर सीन डफी ने बताया था कि अमेरिका का मिशन चीन से पहले पूरा होगा और चीनी अंतरिक्ष यात्री हमसे पहले कभी चांद पर लैंड नहीं कर पाएंगे। इस फैसले का मकसद अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रमों की गोपनीयता और तकनीकी सुरक्षा को बनाए रखना है। सिराज/ईएमएस 13 सितंबर 2025