अंतर्राष्ट्रीय
13-Sep-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। इंसान का ब्लड ग्रुप भी दिल की बीमारियों के खतरे को प्रभावित करता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन ने चौंकाने वाला पहलू उजागर किया है। रिसर्च में पाया गया कि ब्लड ग्रुप ए और बी वाले लोगों को हार्ट अटैक का खतरा अन्य ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में अधिक होता है। इस अध्ययन में करीब 4 लाख लोगों के डेटा का गहन विश्लेषण किया गया। परिणामों में स्पष्ट हुआ कि ए और बी ब्लड ग्रुप वालों को ओ ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा लगभग 8 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं, ए ब्लड ग्रुप वालों में हार्ट फेलियर का जोखिम 11 प्रतिशत तक पाया गया। दूसरी ओर, बी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक का खतरा 15 प्रतिशत तक अधिक देखा गया। यह निष्कर्ष बताते हैं कि ब्लड ग्रुप भी दिल की सेहत का एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है। रिसर्च में यह भी सामने आया कि ब्लड ग्रुप ए और बी वालों में खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) बनने की संभावना ओ ब्लड ग्रुप की तुलना में लगभग 44 प्रतिशत अधिक होती है। यही थक्के धमनियों में जाकर ब्लॉकेज पैदा करते हैं और हार्ट अटैक का कारण बनते हैं। ऐसे में यह तथ्य बेहद गंभीर है क्योंकि यह जोखिम किसी की जीवनशैली से नहीं, बल्कि ब्लड ग्रुप से जुड़ा हुआ है, जिसे बदला नहीं जा सकता। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपका ब्लड ग्रुप ए या बी है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि आपको हार्ट अटैक जरूर होगा, बल्कि यह चेतावनी है कि आपको अपनी जीवनशैली पर अधिक ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और तनाव को नियंत्रित रखना दिल की सेहत के लिए जरूरी है। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना भी दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि ब्लड ग्रुप बदलना संभव नहीं है, लेकिन अच्छी जीवनशैली अपनाकर इस अतिरिक्त जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपका ब्लड ग्रुप ए या बी है तो यह आपके लिए एक संकेत है कि आज से ही अपने दिल की सेहत का ज्यादा ध्यान रखें। स्वस्थ आदतें अपनाकर और नियमित चेकअप के जरिए आप न केवल इस खतरे को कम कर सकते हैं बल्कि एक लंबी और स्वस्थ जिंदगी भी जी सकते हैं। बता दें कि आज के समय में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। तनाव, खराब खान-पान, प्रदूषण और अस्वस्थ जीवनशैली इसके प्रमुख कारण बताए जाते हैं। सुदामा/ईएमएस 13 सितंबर 2025