नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय जनता पार्टी की नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने चार धाम यात्रा के दौरान होने वाले निर्माण कार्यों और जानवरों की मौतों पर चिंता जाहिर है। उन्होंने कहा कि इस तरह के विकास और क्रूरता को देखकर उनका दिल टूट जाता है। उनका मानना है कि इस तरह के माहौल में कोई भी भगवान नहीं टिक सकता। उन्होंने हेमकुंड में 700 जानवरों की मौत का भी जिक्र किया, जो वहां गिरने से मारे गए थे। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर कभी घास के मैदान और फूल होते थे, वह अब दिल तोड़ देने वाली जगह बन गई है। मेनका गांधी ने कबूतरों से इंसानों को कोई खतरा न होने की बात कही है।उन्होंने कहा कि दुनिया में आज तक कबूतरों से एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने मुंबई में तोड़े गए कबूतरखानों पर दुख जताकर उम्मीद जाहिर की कि मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें फिर से बनाया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने केरल सरकार के जंगली सूअरों को मारने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सूअरों को मारा गया, तब आने वाले पाँच सालों में वहाँ एक भी पेड़ नहीं बचेगा, क्योंकि जंगली सूअर ही ब्रैकन फर्न नामक पौधे को खाते हैं, जो पेड़ों की वृद्धि को रोकता है। मेनका गांधी ने आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले के अनुसार, जो कुत्ते शेल्टर होम में हैं, उन्हें बाहर छोड़ा जा सकता है। लेकिन जो कुत्ते आक्रामक स्वभाव के हैं या रेबीज से पीड़ित हैं, उनकी नसबंदी (स्टेरिलाइजेशन) की जाए और उन्हें बाहर न छोड़ा जाए। मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर संतोष जताया है। आशीष दुबे / 13 सिंतबर 2025