लाहौर (ईएमएस)। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर उमर गुल ने कहा है कि जिस प्रकार भारतीय बोर्ड अपने खिलाड़ियों की देखभाल कर रहा है। उसकी जितनी प्रशंसा की जाये वह कम है। गुल ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने तेज गेदबाज जसप्रीत बुमराह के मामले में कार्यभार प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से किया है। वहीं कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट को भी इससे सीख लेनी चाहिये। उसे भी भारतीय बोर्ड की तरह ही रोटेशन नीति अपनानी चाहिये। पाकिस्तान के इस पूर्व तेज गेंदबाज कहा कि भारतीय बोर्ड ने रोटेशन नीति से बुमराह के करियर की क्षमता को अधिकतम स्तर तक लाने के प्रयास किेये हैं। इसी कारण चोट के बाद वापसी के बाद भी बुमराह पहले की तरह ही तेज गेंदबाजी कर रहे हैं। वहीं गुल ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में स्थापित खिलाड़ियों में भी जगह को लेकर असुरक्षा की भावना है, जिसके कारण वे पूरी तरह से फिट नहीं होने पर भी मैच खेलते हैं। उन्होंने कहा , हमारी व्यवस्था में समस्या ये है कि जब हम खेलते थे, तो कोई भी सीनियर खिलाड़ी अपनी फिटनेस बताने में डरता था। अगर वह 70-80 फीसदी भी फिट होता तो वह कहता मैं खेलना चाहता हूं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अगर कोई दूसरा खिलाड़ी आता है और अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसकी जगह चली जाती क्योंकि रोटेशन नीति हमारी बोर्ड की संस्कृति में नहीं है। हम केवल उस समय का प्रदर्शन देखते हैं। नए खिलाड़ी ने अगर अच्छा प्रदर्शन किया है, तो उसे टीम में लाएं और उसे खेलने दें। मुझे लगता है कि रोटेशन नीति होनी चाहिए पर आपकी प्राथमिकता सीनियर खिलाड़ी होना चाहिए, जब वह फिट हो जाए तो आपको उसे शामिल करना चाहिये। गुल ने भारतीय प्रणाली की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें पहली पंक्ति के खिलाड़ियों की चोटों से निपटने के लिए अच्छी व्यवस्था है। साथ ही कहा कि इस मामले में खिलाड़ियों के साथ ही प्रबंधन की भी जिम्मेदारी होती है। गिरजा/ईएमएस 14 सितंबर 2025