राष्ट्रीय
14-Sep-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि सभी विधानमंडल अपनी कार्यवाही और चर्चा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मानक स्थापित करें। सदनों में नियोजित गतिरोध पर चिंता व्यक्त करते हुए ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों के साथ व्यापक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने मीडिया से भी आग्रह किया कि सदन में तथ्यपरक, सारगर्भित चर्चा करने वाले जनप्रतिनिधियों के दृष्टिकोण को प्रमुखता से दिखाए, ताकि सदस्यों के बीच स्वस्थ संवाद के लिए प्रतिस्पर्धा हो। लोक सभा अध्यक्ष ने कर्नाटक विधानमंडल की मेज़बानी में आयोजित 11वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए)-भारत क्षेत्र सम्मेलन के समापन समारोह में ये विचार व्यक्त किए। बिरला ने कहा कि इन सम्मेलनों के माध्यम से हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में विधानमंडल नियोजित गतिरोध के बिना कार्य कर सकें। बेंगलुरू में चले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के भाषण के साथ हुआ। कर्नाटक विधान परिषद के सभापति, विधान सभा के अध्यक्ष ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए सदनों के अंदर गतिरोध और व्यवधान को समाप्त किए जाने, संसद के सहयोग से राज्यों की विधायी संस्थाओं की अनुसंधान एवं सन्दर्भ शाखाओं को मजबूत करने, विधायी संस्थाओं में डिजिटल टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर सर्वसम्मति से संकल्प अंगीकृत किए गए। लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि जनता यह महसूस करे कि विधानमण्डल उनकी आवाज़ का सशक्त मंच है, न कि केवल राजनीतिक टकराव का स्थान। वैचारिक या राजनैतिक मतभेदों के आधार पर सदन रोकने के स्थान पर हमारा संकल्प सदन चलाने का होना चाहिए। वीरेंद्र/ईएमएस/14सितंबर2025