क्षेत्रीय
15-Sep-2025
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सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में गूंजे आध्यात्मिक विचार, युवाओं को दी गई जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा जीवन में गुणवत्ता पर दें ध्यान, नकारात्मक प्रभावों से बचें : सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में विशेष आयोजन उज्जैन (ईएमएस)। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय की शलाका दीर्घा में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय संत बाल योगी उमेशनाथजी महाराज एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज द्वारा की गई। कार्यक्रम में उन्होंने विशेष रूप से भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और युवा पीढ़ी की जिम्मेदारियों पर अपने उद्बोधन दिया गया। संत बाल योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मनुष्य योनि बड़ी दुर्लभता से मिलती है, इसलिए इसका सदुपयोग करते हुए समाज और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने नई पीढ़ी से आह्वान किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें, नकारात्मक प्रभावों से बचें, गुरु की शरण में जाएं, दीक्षा लें और अपने जीवन में गुणवत्ता को प्राथमिकता दें। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में सुधार कर सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने, सूर्य और तुलसी की उपासना करने, और जाति से अधिक संस्कारों को महत्व देने की प्रेरणा भी दी। कार्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गुरु उमेशनाथ जी महाराज ने लोक कल्याण को जीवन का आधार बनाया। उनका जीवन बाल्यकाल से ही संघर्षमय होते हुए भी उन्होंने सत्य, प्रेम और धर्म की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किए। मोक्ष की बजाय लोककल्याण को प्राथमिकता देना ही उनके जीवन का मूल संदेश बना। उन्होंने समाज कल्याण में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिए। इस अवसर पर एन.सी.सी. समन्वयक डॉ. कानिया मेडा, समाजशास्त्र अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति उपाध्याय, एवं विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. डी.डी. बेदिया विशेष रूप से कार्यक्रम में मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन छात्र तन्मय जैन ने किया और आभार व्यक्त एन.एस.एस. समन्वयक डॉ. शेखर मेदमवार द्वारा किया गया। ईएमएस/15/09/2025