- परीक्रमा से पहले संस्था त्रिशुल शिवगण वाहिनी के सदस्यों और संतों ने किया भ्रमण उज्जैन (ईएमएस)। पवित्र पाविनी शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए त्रिशुल शिवगण वाहिनी दृवारा उदृगम से संगम करीब 540 किलोमीटर की विशाल परीक्रमा यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में नदी के दोनों ओर स्थित गांवों एवं शहरों में जनजागरूकता लाने के लिए और जल संवर्धन के प्रति लोगों में जाग्रति लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसमें नदी के आसपास के जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने एवं नई संभावनाएं तलाशने का कार्य किया जाएगा। शिप्रा को प्रवाहमान एवं स्वच्छ बनाए रखने के लिए ़ित्रशुल शिवगण वाहिनी को संतों का समर्थन प्राप्त है। महामंडलेश्वर शैलेष आनंद गिरी महाराज जूना अखाडा एवं महामंडलेश्वर ज्ञानदासजी महाराज दादूराम आश्रम, आचार्य गौरव उपाध्याय, यश जोशी, त्रिशुल शिवगण वाहिनी के संस्थापक आदित्य नागर, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्टीय अध्यक्ष सुरेंद्र चतुर्वेदी, डाॅ घनश्याम शर्मा सहित अन्य ने शिप्रा नदी का पूजन अर्चन कर निरीक्षण दल को रवाना किया। निरीक्षण दल में शामिल महामंडलेश्वर शैलेष आनंद गिरी एवं महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराजजी ने शिप्रा के किनारे स्थित 10 से अधिक गांवों का भ्रमण किया तथा ग्रामीणों से चर्चा कर पडाव स्थलों की व्यवस्थाओं एवं यात्रा को सुगम बनाने के विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर शैलेष आनंद गिरी दृवारा कहा गया कि शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के प्रबुद्ध एक साथ आकर जलसंरचनाओं को तैयार कराएं एवं पूर्व की जल संरचनाओं को पुर्नउत्थार करें। महामंडलेश्वर ज्ञानदासजी महाराज ने ग्रामीणों के सामने अपने विचार रखे कि उज्जैन का सिंहस्थ शिप्रा नदी के शुद्ध जल के स्नान से ही पूर्ण हो। इसके लिए भागीरथ प्रयास करने की आवश्यकता होगी। त्रिशुल शिवगण वाहिनी के संस्थापक आदित्य नागर एवं सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि निरीक्षण दल ने उज्जैन जिले के चार गांव एवं देवास जिले के 6 गांवों का निरीक्षण किया। शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए शिप्रा के उद्गम स्थल पर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में जलसंरचनाएं अधिक संख्या में बनानी होगी। शिप्रा परीक्रमा यात्रा से जनजागरण होगा तथा शिप्रा को पवित्र बनाने और उसके जल को आचमन योग्य बनाने के लिए सभी को साथ आकर काम करना होगा। आगामी सिंहस्थ 2028 में शिप्रा नदी के जल से ही स्नान और आचमन हो, इसके लिए शिप्रा उद्गम स्थल उज्जैनी (इंदौर) में सभी ने संकल्प लिया। शिप्रा पूजन में अभा ब्राह्मण समाज के वीरेंद्र त्रिवेदी, दिनेश रावल, चंद्रशेखर शर्मा, फूलचंद्र जरीया, किरणकांत मेहता, शेखर नागर, अनोखलीलाल शर्मा, गोपाल त्रिवेदी, परशुराम सेना के एश्वर्य नागर, शम्मी जोशी, डाॅ ललित नागर, अजय नागर, शैलेष जोशी, रामघाट के तीर्थ पुरोहित, पुजारीगण प्रमुखरूप से उपस्थित रहे। ईएमएस/रामचंद्र गिरी/ 15 सितंबर 2025