गुवाहाटी (ईएमएस)। भारत ने गुवाहाटी में 9 से 11 सितंबर तक बिम्सटेक युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस सम्मेलन में बिम्सटेक के सभी सदस्य देशों से 80 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य समावेशी नेतृत्व को बढ़ावा देना और विभिन्न संस्कृतियों के बीच सहयोग व समझ को मजबूत करना था। यह आयोजन भारत के स्काउट्स एंड गाइड्स के सहयोग से हुआ और इसका उद्घाटन असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने किया। सम्मेलन में राजनीति, व्यापार, समाज, संस्कृति और सिविल सोसायटी से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में उद्यमिता, डिजाइन थिंकिंग और टिकाऊ समाधानों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान और देश-विशेष सत्रों ने सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और समझ को गहरा किया गया। सम्मेलन से कई नतीजे निकले, जैसे सामाजिक व्यवसाय के लिए नए प्रोटोटाइप तैयार करना, बेहतर संचार और सहयोग कौशल विकसित करना और भविष्य के सहयोग को मजबूत करने के लिए भरोसेमंद नेटवर्क बनाना। इस दौरान यह भी उजागर किया गया कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बंगाल की खाड़ी क्षेत्र को जोड़ने वाला एक अहम भूमि सेतु है। यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में घोषित 21 सूत्रीय कार्ययोजना का हिस्सा था। इस पहल का उद्देश्य बिम्सटेक को और मजबूत बनाना है। यह भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘महासागर’ जैसी नीतियों से मेल खाती है। इस मंच के जरिए युवा नेताओं को तैयार किया जा रहा है ताकि वे नीतियां बनाने और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकें और नई चुनौतियों का समाधान खोज सकें। सुबोध/१५-०९-२०२५