राष्ट्रीय
16-Sep-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद में सूर्य को जीवनदायी शक्ति माना गया है और धूप लेने को आवश्यक और लाभकारी बताया गया है। आधुनिक चिकित्सा भी सूर्य की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी को अमृत समान मानती है। सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसे सनशाइन विटामिन कहा जाता है क्योंकि इसका सबसे प्राकृतिक और प्रभावशाली स्रोत सूर्य की रोशनी ही है। जब सूर्य का प्रकाश त्वचा पर पड़ता है, तो शरीर में एक विशेष प्रक्रिया के तहत विटामिन डी-3 का निर्माण होता है। यह तत्व हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस व रिकेट्स जैसी बीमारियों से बचाव होता है। यही कारण है कि बच्चों के विकास और वृद्धावस्था में स्वस्थ रहने के लिए धूप लेना अत्यंत आवश्यक माना जाता है। सूर्य की किरणें केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। धूप लेने से मस्तिष्क में हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है, जिससे मूड अच्छा रहता है और मानसिक स्फूर्ति बनी रहती है। यही वजह है कि हल्की धूप में नियमित रूप से बैठना अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक माना जाता है। धूप के संपर्क से त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं। सूर्य की किरणें रोमछिद्र खोलकर त्वचा को साफ करती हैं और रक्त संचार को बेहतर बनाती हैं। इससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है। हल्की धूप एक प्राकृतिक रोगनाशक का भी कार्य करती है, जिससे कई तरह के संक्रमणों से बचाव होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह 7 से 9 बजे तक की धूप सबसे लाभकारी होती है क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें हल्की और शुद्ध होती हैं। हालांकि, अधिक देर तक तेज धूप में रहना त्वचा और आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए संतुलित समय तक ही धूप लेना चाहिए। इस प्रकार सूर्य की किरणें न केवल जीवनदायी ऊर्जा प्रदान करती हैं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को भी संवारती हैं। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों का यही मानना है कि संतुलित रूप से धूप लेना स्वस्थ जीवन की कुंजी है। बता दें कि प्रकृति ने मानव जीवन को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए कई उपहार दिए हैं, जिनमें सूर्य सबसे अहम माना जाता है। सूर्य की किरणें न केवल धरती पर जीवन का आधार हैं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के लिए भी अमूल्य ऊर्जा का स्रोत हैं। सुदामा/ईएमएस 16 सितंबर 2025