इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की युगल पीठ ने पीडीएस प्रणाली के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाला चांवल एक व्यापारी के गोडाउन से जप्ती के मामले की विस्तृत और सही जांच हेतु एसआईटी गठित करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर को देते युगल पीठ ने कहा है कि एसआइटी हर पहलू की जांच करेगी। मामले में कोर्ट को बताया गया था कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को फ्री में बांटे जाने वाले चावल की कालाबाजारी करते आरोपी चावल को कुरकुरे और अन्य स्नेक्स बनाने वाली कंपनियों को 13 रुपए प्रति किलो में बेच देते थे। मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर कोर्ट में पेश हुए थे। अभिभाषक शशांक शर्मा के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि जिला प्रशासन और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने उज्जैन रोड स्थित गोदाम से पीडीएस के तहत बांटे जाने वाला 420 क्विटल चावल पकड़ा था। घटना 11 फरवरी की थी मामले में बाणगंगा थाना पुलिस ने सतीश अग्रवाल, संजय गुप्ता, रामप्रसाद गुप्ता और एक अन्य को मुख्य तो बाकी 8 को सहयोगी आरोपी बनाया था। मुख्य आरोपी संजय गुप्ता को चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत कलेक्टर ने 6 माह के लिए जेल भेज दिया था। इसके खिलाफ गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर गत सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते कहा था कि मामले में एक अन्य जिस रामजीप्रसाद गुप्ता पर एक किंवटल फोर्टिफाइड चावल खरीदने का आरोप है, उसकी जांच क्यों नहीं की गई। इसके बाद पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए तथा उनकी उपस्थिति में सुनवाई करते मामले में जांच हेतु एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। आनन्द पुरोहित/ 16 सितंबर 2025