राष्ट्रीय
16-Sep-2025


सुप्रीम कोर्ट ने बनाया सुरक्षा कवच किसी भी कोर्ट प्राधिकरण या ट्रिब्यूनल में नई याचिकओं पर रोक नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल ने गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा प्राणी बचाओ और पुनर्वास केंद्र को क्लीन चिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति पीबी बराले की खंडपीठ ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट देखने के बाद यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, वंतारा की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है,वहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार काम किया गया है। वहां पर नियमों का कोई उल्घन नहीं पाया गया है। हाथियों और अन्य जानवरों का अधिग्रहण कानूनन सही है। बार-बार इस तरह की याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, भविष्य में किसी भी कोर्ट प्राधिकरण या ट्रिब्यूनल में वंतारा को लेकर कोई याचिका अथवा आपत्ति स्वीकार ना की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट के सारांश को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। जांच दल द्वारा जो अनुशंसा की गई है। उसकी जानकारी अधिकारियों को दी जाएगी। ताकि वह उसका पालन वह सुनिश्चित कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा भविष्य में किसी भी तरह का अपमान जनक प्रकासन या प्रसारण होने पर वंतारा को अधिकार होगा, वह मानहानि का दावा कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के सदस्यों को मानदेय देने का निर्देश दिया। वंतारा की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक गोपनीयता को देखते हुए रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाना चाहिए। यदि यह रिपोर्ट सार्वजनिक की गई तो उसको लेकर फिर नए विवाद शुरू हो जाएंगे। रिलायंस फाउंडेशन द्वारा प्राणी बचाओ और पुनर्वास केंद्र के रूप में वंतारा चलाया जाता है। फाउंडेशन का कहना था, हम प्राणियों की सच्ची सेवा निष्ठा के साथ करते हैं। वंतारा में हर पशु और पक्षी की सेवा मानवता के कल्याण से जुड़ा हुआ कार्य है। इसमें कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह से आदेश के माध्यम से वंतारा को एक ऐसा कवच पहना दिया है। जिससे भविष्य में होने वाली परेशानियों से उसे सुरक्षा मिल गई है। ऐसी सुरक्षा बहुत कम मामलों में ही देखने को मिलती है। एसजे/ 16‎ सितम्बर /2025