तेल अवीव(ईएमएस)। इजरायल ने कतर पर हमला करके साबित कर दिया है कि वो हमास के खात्मे के लिए किस हद तक जा सकता है। ऐसे में पाकिस्तान के दोस्त और हमास के हितैषी तुर्की की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। इजरायल के सेना प्रमुख इयाल जमीर ने भी 31 अगस्त को ये ऐलान कर दिया था कि– हमास के चीफ लीडर विदेश में हैं और हम उन तक भी पहुंचेंगे। अपनी इसी बात पर कायम रहते हुए इजरायल ने कतर की राजधानी दोहा पर हमला बोल दिया, जब हमास के लीडर शांति वार्ता के लिए इकट्ठा थे। इजरायल अपने देश के बाहर जब भी हमले करता है, उसका एक ही उद्देश्य होता है- अपने सबसे बड़े दुश्मन हमास के सपोर्ट को खत्म करना। इस राह में इजरायल अब तक ऐसे 6 मुस्लिम देशों को निशाना बना चुका है, जो हमास के हितैषी हैं। इस लिस्ट में शामिल हैं – फिलिस्तीन, सीरिया, यमन, ईरान, कतर और लेबनान। इन सभी देशों में हमास के लीडर्स को शरण मिलती है। इजरायल की इस धुआंधार कार्रवाई को देखते हुए अगला नंबर पाकिस्तान के दोस्त तुर्की का हो सकता है। यहां भी वजह बनेगा- हमास। दरअसल तुर्की भार हमास को राजनीतिक शरण, वैचारिक समर्थन और आर्थिक सहयोग भी देता है। यही वजह है कि तुर्की इस बात से घबराया हुआ है कि इजरायल उसे भी निशाना बना सकता है। इसके लिए उसने तैयारी भी शुरू कर दी है। मौजूदा हालात को देखते हुए इस्लामिक समिट बुलाई जा रही है, जिसमें तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी, कतर समेत दुनिया के 50 देश शामिल हो रहे हैं। इस समिट का उद्देश्य अमेरिका पर दबाव बनाना होगा कि वो इजरायल को काबू करे। कतर में हुए हमले को लेकर ट्रंप ने इजरायल को सलाह भी दी है कि वो सोच-समझकर कदम रखें। वीरेंद्र/ईएमएस/16सितंबर2025 ------------------------------------