तेल अवीव,(ईएमएस)। इजराइली सेना ने सोमवार को गाजा शहर पर कब्ज़ा करने के लिए जमीनी हमला शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में नेतन्याहू सरकार के मुताबिक इसका मकसद हमास को जड़ से उखाड़ फेंकना है। घंटों चले हवाई हमलों के बाद टैंक गाजा शहर में घुस गए और रिहायशी इमारतें ध्वस्त कर दी गईं और नागरिक शेल्टर्स क्षतिग्रस्त कर दिए गए। आईडीएफ ने गाजा नागरिकों को दक्षिण की तरफ मानवीय क्षेत्रों में जाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि करीब तीन लाख फ़िलिस्तीनी गाजा शहर छोड़ गए हैं, लेकिन लाखों लोग अभी भी युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे हैं। नेतन्याहू ने कतर में पिछले हफ्ते हुए हमले के बाद हमास नेताओं पर आगे और हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है, उन्होंने कहा कि वे जहां कहीं भी हों, उन्हें छूट नहीं मिलेगी। बता दें इजराइल के टॉप सुरक्षा प्रमुखों ने इजराइली सेना को गाजा शहर में प्रवेश न करने की सलाह दी थी और चेतावनी दी थी कि इससे बंधकों को खतरा हो सकता है, बड़ी संख्या में इज़राइली हताहत हो सकते हैं और सैन्य शासन लागू हो सकता है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि हमास बंधकों को रिहा करके और आत्मसमर्पण करके जंग खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें इस संभावना के लिए तैयार रहना होगा कि ऐसा नहीं होने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि हमास ने इज़राइल के हमले के खिलाफ मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए 20 बंधकों को जमीन से ऊपर ले गया है। ट्रंप ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमास के नेताओं को पता होगा कि अगर वे ऐसा कुछ करते हैं तो उन्हें क्या करना होगा। यह एक मानवीय अत्याचार है। ऐसा न होने दें, वरना सारी बातें बेकार हैं। सभी बंधकों को तुरंत रिहा करें। नेतन्याहू ने ट्रंप को हमास के खिलाफ इजरायल की लड़ाई और हमारे सभी बंधकों की रिहाई के लिए उनके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। हमास द्वारा नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष के बाद से करीब 65 हजार फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। सिराज/ईएमएस 16सितंबर25