सिंगरौली।( ई एमएस) जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली लगातार सवालों के घेरे में है। करोड़ों के घोटाले और गंभीर अनियमितताओं के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी सूर्यभान सिंह आज भी अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतों और ठोस सबूतों के बाद भी लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। *पद से हटाए बिना जांच की औपचारिकता* शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी पर गंभीर आरोप लगने पर उसे पद से हटाना अनिवार्य है, ताकि जांच निष्पक्ष हो सके। लेकिन सिंगरौली में यह नियम पूरी तरह ताक पर रख दिया गया है। आरोपी अधिकारी को पद से हटाए बिना ही जांच की औपचारिकता शुरू कर दी गई है, जिससे जांच की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लग गया है। *स्कूलों पर दबाव, नियमों का खुला उल्लंघन* जिला शिक्षा अधिकारी सूर्यभान सिंह पर आरोप है कि वे लगातार जिले के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों पर दबाव बना रहे हैं। उनसे कहा जा रहा है कि जल्द से जल्द (एस एम डीसी) (स्कूल मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट कमेटी) का प्रस्ताव तैयार कर कार्यालय भेजा जाए। जबकि हकीकत यह है कि यह कार्य बिना किसी निविदा प्रक्रिया (Tender Process) के कराया जा रहा है, जो नियमों का सरासर उल्लंघन है। *डीएमएफ फंड बना लूट का जरिया* जिले में शिक्षा से जुड़े कई काम डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) फंड से कराए जा रहे हैं। *स्कूलों की मरम्मत और फर्नीचर खरीद में करोड़ों की हेराफेरी* *लाइब्रेरी और प्रयोगशालाओं के नाम पर फर्जी बिल* *शैक्षणिक सामग्री की आपूर्ति में घोटाला* DMF का उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना था, लेकिन इसका पैसा अफसर–ठेकेदार की मिलीभगत से बंदरबांट हो गया। *कई बड़े घोटाले दफ्तर की फाइलों में दबे* *स्कूल भवनों के निर्माण और मरम्मत में गड़बड़ी* *फर्जी बिल और भुगतान का खेल* मध्याह्न भोजन और छात्रवृत्ति योजनाओं में धांधली *डीएम एफ फंड से जुड़ी अनियमितताएं* शिकायतों के बावजूद अब तक किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई। *लोक शिक्षण संचालनालय की भूमिका संदिग्ध* जनता और जागरूक संगठनों का कहना है कि यदि आरोपी अधिकारी को पद से हटाए बिना जांच होगी, तो यह केवल “आँखों में धूल झोंकने” जैसा होगा। संचालनालय भोपाल की चुप्पी और निष्क्रियता यह संकेत देती है कि कहीं न कहीं ऊपर तक संरक्षण प्राप्त हो रहा है। *जनता में आक्रोश, जवाबदेही की मांग* सिंगरौली जिले के अभिभावकों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश है। उनकी मांग है कि जिला शिक्षा अधिकारी सूर्यभान सिंह को तत्काल प्रभाव से पद से हटाकर निष्पक्ष जांच कराई जाए। अन्यथा शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना असंभव है। आर एन पाण्डेय