क्षेत्रीय
16-Sep-2025
...


पुलिस कमिश्नर से मिलने न दिये जाने पर हुई गहमा-गहमी भोपाल(ईएमएस)। बीते दिनो पुराने शहर के बैरसिया रोड पर गौतम नगर इलाके में मुस्लिम समुदाय के युवको द्वारा प्रतिमा पर पत्थर बरसाने की शिकायत की पुलिस से की गई थी। उस समय कई संगठनो के मौके पर जमा होने से यहॉ काफी तनाव फैल गया था। मौके पर पहुंचें हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने घटना को लेकर बेहद आपत्तिजन बातें कही थी। हालांकि की पुलिस जॉच में शिकायत गलत पाई गई, और पता चला की आपसी रजिंश के चलते मुस्लिम युवको पर आरोप लगाये थे। उस समय हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी के दिये गये बयानों से नाराज वकील और शहर के अन्य लोग तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे। यहां उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दिया गया, जिसे लेकर काफी बहसबाजी हुई। बाद में कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने ज्ञापन ले लिया। शिकायती आवेदन देने के लिये शहर के सीनीयर एडवोकेट सैयद साजिद अली ने आम लोगों से अपील की कि वह इकट्‌ठे हों और भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब की हिफाजत के लिए पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद बड़ी संख्या में वकील और आमजन पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंच गए। इसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। एडवोकेट साजिद अली ने कहा कि भोपाल हमेशा से अमन का टापू रहा है। उन्होंने में सैकड़ों बार हिंदू उत्सव समिति के कार्यक्रमों में शरीक हुआ हूं। रंग पंचमी हो, होली, दिवाली या दशहरा, हर जगह मिलजुलकर स्वागत किया है। कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी ने किसी पर पत्थर फेंका हो। लेकिन आज चंद्रशेखर तिवारी जैसे लोग गंदगी और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे तत्वों पर सरकार और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सीनीयर एडवोकेट पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा कि, एफआईआर तो बहुत पहले दर्ज हो जानी चाहिए थी। शहर की आबोहवा हम वर्षों से संभाले हुए हैं। लेकिन अब इस आबोहवा को बनाए रखने के लिए सबको मिलकर खड़ा होना पड़ेगा। गणेश मूर्ति तोड़ने की घटना की जांच पुलिस ने सही तरीके से कर ली है और असल दोषियों का पता लगा लिया है, लेकिन उन्हें ‘जिहादी’ कहकर या दंगा भड़काने की बातें करना बिल्कुल गलत है। हिंदू और मुसलमानों को मिलजुलकर रहना ही पड़ेगा, यही हमारी विरासत है। वकीलों ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में पुलिस और सरकार उदासीन रवैया अपना रही है। जुनेद / 16 सितंबर