बीजिंग (ईएमएस)। चीन को दुनिया आज एक महाशक्ति के रूप में देखती है। लेकिन इस तस्वीर के पीछे एक काला सच भी है, जो शायद ही कभी आधिकारिक तौर पर सामने आता है। चीन की अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से वहां वेश्यावृत्ति भी फल-फूल रही है, हालांकि यह देश में सख्त रूप से गैरकानूनी है। चीनी सरकार दावा करती हैं कि चीन समाजवादी मूल्यों पर चलता है और वेश्यावृत्ति जैसी अवैध गतिविधियों पर सख्ती से रोक है। लेकिन हकीकत यह है कि गरीबी, असमानता और भ्रष्टाचार ने चीन में इस धंधे को एक बड़े पैमाने पर फैला दिया है। अनुमान है कि चीन में वर्तमान में करीब एक करोड़ महिलाएं सेक्स वर्क में शामिल हैं। इसमें से कई पड़ोसी देशों से सुनहरे भविष्य के सपनों के साथ लाई गईं और फिर इस काम में फंस गईं। चीनी पत्रकार ने विषय पर गहन शोध कर अपनी किताब में चीन की फलती-फूलती सेक्स इंडस्ट्री का पर्दाफाश किया। पत्रकार ने लिखा कि कैसे उनके परिवार में दादी एक वेश्या थीं और इसी सच ने उन्हें इस मुद्दे पर रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने चीन के शहरों में घूमकर देखा कि कैसे नाइट क्लब, हेयर सैलून, मसाज पार्लर और स्पा की आड़ में धंधा चल रहा है। उनके मुताबिक यह अब एक इंडस्ट्री का रूप ले चुका है। पत्रकार का मानना है कि चीन की मार्केट इकोनॉमी और अचानक बढ़े पैसे ने महिलाओं को उपभोग की वस्तु बना दिया। अमीर वर्ग और अपराध सिंडिकेट इस धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। यहां तक कि पुलिस के सहयोग से भी यह कारोबार चलता है। कई रिपोर्ट बताती हैं कि पुलिस खुद रिश्वत लेकर इस बात को अनदेखा करती है और कई बार ग्राहक भी बन जाती है। हालात इतने गंभीर हैं कि कानून भी अक्सर अप्रभावी साबित होते हैं। चीन में किसी महिला के पास कंडोम मिलने पर भी उस प्रोस्टिट्यूट मान लिया जाता है और उस पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। लेकिन यह सख्ती भी इस धंधे को रोक पाने में नाकाम रही है। टेक्स्ट मैसेज, ऑनलाइन नेटवर्क और होटलों के जरिए ग्राहक जुटाए जाते हैं और बड़े शहरों की सड़कों पर महिलाएं खुलेआम कार्ड बांटती दिख जाती हैं। गंभीर बात यह है कि सिर्फ चीनी महिलाएं ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों वियतनाम, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, जापान, म्यांमार और अफ्रीकी देशों की महिलाएं भी इस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी चीन की इस स्थिति पर चिंता जता चुका है। उसने 2013 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन को सेक्स वर्कर्स पर लगाए गए दंड को खत्म करना चाहिए क्योंकि इसका नतीजा अक्सर पुलिस की ज्यादती और शोषण के रूप में सामने आता है। आशीष/ईएमएस 17 सितंबर 2025