ओटावा(ईएमएस)। कनाडा के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे खालिस्तानी आए भारत विरोधी गतिविधियां चलाने की कोशिश करते हैं। खबर है कि एसएफजे यानी सिख्स फॉर जस्टिस ने वेंकूवर में भारतीय कॉन्सुलेट पर कब्जे की धमकी दे दी है। इतना ही नहीं भारतीयों को भी उस क्षेत्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है। हालांकि, इसे लेकर भारत या कनाडा सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।रिपोर्ट्स के अनुसार, समूह ने गुरुवार को कॉन्सुलेट आने की योजना बना रहे लोगों से अलग तारीख चुनने के लिए कहा है। एसएफजे की तरफ से एक पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसमें कनाडा में नए भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक की तस्वीर है। उनके चेहरे पर निशाना बनाए जाने के संकेत दिए गए हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि भारतीय कॉन्सुलेट के जरिए जासूसी नेटवर्क चलाया जा रहा है। बता दें कि ओटावा की खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 1980 के दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत के पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने की कोशिश के माध्यम से उत्पन्न हुआ था। बीते सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कम से कम दो खालिस्तानी चरमपंथी समूहों को कनाडा के भीतर से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। 2025 असेस्मेंट ऑफ मनी लॉन्डरिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क इन कनाडा’शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कनाडा के अंदर से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले खालिस्तानी चरमपंथी समूहों की पहचान बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के रूप में की गई। समूह के आरोप हैं कि कॉन्सुलेट के जरिए खालिस्तानियों को निशाना बनाकर निगरानी की जा रही है। एनडीटीवी के अनुसार, बयान में कहा गया है, दो साल पहले 18 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय एजेंट्स की भूमिका की जांच चल रही है। आगे कहा गया, दो साल हो गए हैं और भारतीय कॉन्सुलेट की तरफ से खालिस्तानी रेफरेंडम के प्रचारकों को निशाना बनाकर जासूसी नेटवर्क चलाना जारी है। वीरेंद्र/ईएमएस/17सितंबर2025 -----------------------------------