राज्य
17-Sep-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। भारतीय स्टेट बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि लाडली बहन जैसी योजनाएँ महाराष्ट्र सरकार की वित्तीय स्थिति को बिगाड़ सकती हैं और अब यह बात सच साबित हो रही है। जी हाँ, महाराष्ट्र में चुनावी काल में घोषित लाडली बहन योजना के क्रियान्वयन और चरमराई वित्तीय स्थिति के कारण राज्य का कर्ज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। खबर है कि जून के अंत तक कर्ज का आंकड़ा 8 लाख 55 हजार 397 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। लाडली बहन योजना के लिए 36 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और किसान कर्ज माफी की मांग भी जोर पकड़ रही है। इसलिए अनुमान है कि साल के अंत तक कर्ज का आंकड़ा 9 लाख 32 हजार करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगा। इस बीच, महाराष्ट्र में कर्ज के पहाड़ को लेकर विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है। दूसरी ओर, सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल कर्ज पर ब्याज के रूप में 65 हजार करोड़ रुपये चुकाने होंगे। राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा है कि राज्य भले ही कर्ज़ के बोझ तले दबा हो, लेकिन मुख्यमंत्री के पास एक विकसित महाराष्ट्र का विजन है। बहरहाल धन की कमी के कारण विकास कार्यों के ठप होने का रोना रोया जा रहा है। महागठबंधन के मंत्रियों में धन की कमी के कारण कलह व्याप्त है। खजाने की तंगी के कारण सरकार मुश्किलों का सामना कर रही है। अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कर्ज़ के पहाड़ को कैसे कम करते हैं और आय कैसे बढ़ाते हैं? यह आने वाले समय में ही पता चलेगा। संजय/संतोष झा- १७ सितंबर/२०२५/ईएमएस