लंदन (ईएमएस)। अंडरगारमेंट्स को किसी भी स्थिति में 6 महीने से 1 साल के भीतर बदल देना चाहिए, क्योंकि समय के साथ इनसे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ने लगते हैं। ताजा रिसर्च के मुताबिक, अंडरगारमेंट्स को धोने पर भी उनके फाइबर में माइक्रोस्कोपिक छेद बन जाते हैं, जिनमें बैक्टीरिया, फंगस और डेड स्किन सेल्स जमा हो जाते हैं। इनकीटाणुओं को पूरी तरह हटाना असंभव होता है और यही कीटाणु संक्रमण, जलन और दुर्गंध का कारण बनते हैं। कई बार धोने के बावजूद भी अंडरगारमेंट्स से बदबू आती रहती है, जो इस बात का संकेत है कि उनमें बैक्टीरिया जम चुके हैं और अब उन्हें बदल देना ही बेहतर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि अंडरगारमेंट्स की इलास्टिसिटी समय के साथ खत्म हो जाती है। इससे न केवल उनका सपोर्ट घटता है, बल्कि शरीर के साथ रगड़ और नमी बढ़ने से रैशेज की समस्या भी हो सकती है। महिलाओं के अंडरगारमेंट्स में योनि स्राव के कारण पीएच संतुलन बिगड़ सकता है और पुराने कपड़े इस संतुलन को प्रभावित कर यीस्ट इन्फेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि यदि अंडरवियर में दाग जमे हों, फैब्रिक पतला हो गया हो, छोटे-छोटे छेद दिखाई देने लगे हों या इलास्टिक ढीला पड़ गया हो तो ऐसे कपड़े तुरंत बदलने चाहिए। इसके अलावा व्यायाम करने वाले लोगों को पसीना अधिक आता है, ऐसे में उन्हें दिन में एक से दो बार अंडरगारमेंट्स बदलने की सलाह दी जाती है। पसीने की नमी और गर्मी बैक्टीरिया और फंगस की ग्रोथ को बढ़ावा देती है, जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक हो जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी और मेयो क्लिनिक दोनों ही साफ-सुथरे और रोज़ाना बदले गए अंडरगारमेंट्स पहनने पर जोर देते हैं। उनका कहना है कि हाइजीन बनाए रखने के लिए अंडरवियर का रोज़ाना बदलना अनिवार्य है। वहीं वैज्ञानिक शोध यह भी बताते हैं कि सूती (कॉटन) जैसे प्राकृतिक और सांस लेने वाले कपड़े अंडरगारमेंट्स के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं। ये नमी को नियंत्रित करते हैं और त्वचा को सांस लेने देते हैं, जबकि सिंथेटिक कपड़े अक्सर एलर्जी और त्वचा की जलन का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अंडरगारमेंट्स समय पर बदलना और सही फैब्रिक का चुनाव करना स्वास्थ्य और हाइजीन दोनों के लिहाज से जरूरी है। इन्हें नज़रअंदाज़ करने से छोटी-छोटी समस्याएं गंभीर संक्रमण में बदल सकती हैं। इसलिए साफ-सफाई और शरीर के स्वास्थ्य के लिए अंडरगारमेंट्स को समय-समय पर बदलते रहना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है। बता दें कि हमारे शरीर से सबसे नज़दीकी संपर्क में आने वाले कपड़े अंडरगारमेंट्स होते हैं। ये कपड़े शरीर के पसीने, बैक्टीरिया, मैल और दुर्गंध को सबसे ज्यादा झेलते हैं। रोज़ धोने के बावजूद भी इनकी उम्र सीमित होती है। सुदामा/ईएमएस 18 सितंबर 2025