जेनेवा,(ईएमएस)। भारत की विदेश नीति का ही असर है कि जो तालिबान कभी पाकिस्तान के इशारों पर चलता था, अब वही खुलकर इस्लामाबाद की करतूतों के खिलाफ खुलकर बोलने लगा है। भारत की ओर से भी अफगानिस्तान को भरपूर समर्थन दिया जा रहा है। अफगानिस्तान पाकिस्तान का अहम पड़ोसी देश है। इसके बावजूद शाहबाज शरीफ के देश का काबुल के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रहा है, ऐसे में तालिबान सरकार ने भी कड़ा रुख अपना लिया है। अफगानिस्तान को इसमें भारत का साथ भी मिल रहा है। बता दें कि सीमा विवाद को लेकर पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक भी कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने अफगानिस्तान की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए आतंकी संगठनों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों का नाम लेते हुए कहा कि इन पर यूएन प्रतिबंध लागू हैं और इन्हें अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाना चाहिए। हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नई सोच और नए उपाय अपनाने होंगे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘बिज़नेस ऐज़ यूज़ुअल’ वाले एटीट्यूड से अफगानिस्तान के हालात नहीं बदलेंगे। हरीश ने अफगानिस्तान में भूकंप के बाद बिगड़े हालात का उल्लेख करते हुए कहा कि करोड़ों लोग भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि अफगानिस्तान की विकास संबंधी ज़रूरतों को नई दृष्टि से देखा जाए और तुरंत राहत एवं दीर्घकालिक समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। भारत ने साफ किया है कि अफगानिस्तान की विकास आवश्यकताओं को पूरा करना उसकी प्रतिबद्धता है। हरीश ने दोहराया कि भारत सभी हितधारकों और पक्षकारों के साथ मिलकर एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए लगातार प्रयास करता रहेगा। बता दें कि हाल में भारत के रिश्ते अफगानिस्तान से सुधरे हैं। भारत के विदेश मंत्री ने हाल के महीनों में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से दो बार बातचीत की है। यूएन में भारतीय प्रतिनिधि हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की ओर से पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) की कड़ी निंदा करने का स्वागत करता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केवल सजा देने से समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि सकारात्मक और नकारात्मक व्यवहारों के बीच संतुलित नीति की आवश्यकता है। वीरेंद्र/ईएमएस/18सितंबर2025 ------------------------------------