राज्य
20-Sep-2025
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-संजय यादव के खिलाफ तेजप्रताप अपनी बहन के सपोर्ट में उतरे पटना,(ईएमएस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार में घमासान मचा है। हाल ही में लालू की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य के ‘स्वाभिमान’ वाले ट्वीट के बाद सियासत गर्मा गई है। अब तेजप्रताप यादव भी खुलकर रोहिणी के पक्ष में आ गए हैं और तेजस्वी के करीबी संजय यादव पर निशाना साधा है। तेजप्रताप ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग तेजस्वी की कुर्सी हथियाने की फिराक में हैं। उन्होंने संजय यादव को जयचंद करार देते हुए कहा कि परिवार में जो भी मतभेद हैं, उनका फायदा उठाकर बाहरी लोग सत्ता हासिल करना चाहते हैं। तेजप्रताप ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने जो आवाज उठाई है, वह आत्मसम्मान की लड़ाई है, जिसे हरेक को समझना होगा। बता दें रोहिणी आचार्य ने पहले ही संकेत दिया था कि पार्टी के अंदर कुछ लोग संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका ट्वीट सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी। अब तेज प्रताप के बयान ने उस विवाद को और गहरा कर दिया है। इस विवाद का असर बिहार की राजनीति और आरजेडी की एकजुटता पर भी पड़ सकता है। तेजप्रताप और रोहिणी की सार्वजनिक नाराजगी से पार्टी में गुटबाजी की आशंका बढ़ गई है। वहीं तेजस्वी यादव ने इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। तेजप्रताप के आरोपों से साफ है कि लालू परिवार का आंतरिक मतभेद अब सियासी रंग में बदल रहा है। यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब संजय यादव की उस बस में आगे की सीट पर बैठे होने की तस्वीर सामने आई जिससे तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार अधिकार यात्रा कर रहे थे। इस तस्वीर को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और लिखा कि यह सीट पार्टी के सर्वोच्च नेता की होती है। अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो यह अलग बात है। इसके बाद पार्टी में संजय विरोधी गुट के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिससे बवाल मच गया। हालांकि इसके बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए रोहिणी आचार्य ने कुछ और तस्वीरें शेयर की, जिसमें तेजस्वी की उस बस की पहली सीट पर पार्टी के कुछ अन्य पिछड़े नेता भी बैठे नजर आए। उन्होंने लिखा- वंचितों और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाना ही लालू प्रसाद के सामाजिक और आर्थिक न्याय के अभियान का मकसद है। इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है। बता दें शुक्रवार को रोहिणी ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे, जिसमें वह अपने पिता लालू यादव के साथ दिख रही हैं। इसमें उस वक्त की भी तस्वीर है जब लालू सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए गए थे और रोहिणी ने अपने पिता लालू को किडनी डोनेट की थी। इन तस्वीरों को लेकर रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा- जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी, बेबाकी, खुद्दारी तो उनके खून में बहती है। रोहिनी ने फिर एक और पोस्ट किया जिसमें लिखा, मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान ही सर्वोपरि है। सिराज/ईएमएस 20सितंबर25 ----------------------------------